नागपुर: वरिष्ठ भाजपा नेता शंकर चहांदे छह साल के लिए पार्टी से निलंबित, जानें क्या है मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 3, 2021 11:01 AM2021-03-03T11:01:28+5:302021-03-03T11:02:30+5:30
2020 में कन्हान नगर परिषद में शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर सत्ता स्थापित की है. इससे पहले पांच साल यहां भाजपा सत्तारूढ़ थी.
कन्हानः पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए भाजपा के स्थानीय नेता शंकर चहांदे को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये ने की है.
2020 में कन्हान नगर परिषद में शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर सत्ता स्थापित की है. इससे पहले पांच साल यहां भाजपा सत्तारूढ़ थी. शिवसेना की करुणा आष्टणकर सीधे जनता द्वारा नगराध्यक्ष निर्वाचित हुईं हैं. इसके अलावा 17 सदस्यीय इस नगर परिषद में शिवसेना के 3 और कांग्रेस के 7 पार्षद है.
शिवसेना और कांग्रेस के बीच एक-एक साल उपाध्यक्ष पद अपने पास रखने को लेकर समझौता हुआ है. इसके तहत पहला मौका कांग्रेस के योगेंद्र रंगारी को मिला था. भाजपा के 6 पार्षद विरोधीगुट में हैं. एक साल का कार्यकाल खत्म होने को एक सप्ताह ही शेष बचा था. इस बीच, शिवसेना के 3, कांग्रेस के 2 तथा भाजपा के 6 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर रंगारी को पद से हटा दिया.
सोमवार को उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. इसमें विरोधीगुट भाजपा ने शिवसेना के डायनल शेंडे को समर्थन दिया. पार्टी विरोधी इस गतिविधि के लिए मनोनीत सदस्य शंकर चहांदे को सूत्रधार मानकर उन्हें निलंबित कर दिया गया. इससे कन्हान क्षेत्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है.
चहांदे 1997 में भाजपा की टिकट पर जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए थे. लगातार 6 वर्ष पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य रहे. उनकी पत्नी भी जिला परिषद सदस्य रही है. 2018 से 2020 तक चहांदे ने कन्हान नगर परिषद के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाला.
कार्रवाई की पत्र नहीं मिलाः निलंबन के संबंध में 'लोस' संवाददाता ने शंकर चहांदे से बात की. उन्होंने कहा कि पार्टी से ऐसा कोई पत्र उन्हें नहीं मिला है. फिलहाल वे पार्टी में किसी पद पर नहीं है. पत्र मिलने के बाद ही अपनी भूमिका स्पष्ट करने की बात उन्होंने कही.
पार्टी विरोधियों पर सख्ती जरूरीः भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये ने कहा कि पार्टी के विरोध में कार्य करने वालों पर सख्ती जरूरी है. कन्हान में सोमवार को हुए मामले के लिए चहांदे प्रमुख रूप से दोषी है. इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है. पार्षदों से भी जवाब मांगा गया है.