MP Taja Khabar: सीएम कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक से पहले छह मंत्रियों को किया बर्खास्त, बीजेपी का दावा- अल्पमत में है सरकार
By रामदीप मिश्रा | Published: March 18, 2020 10:24 AM2020-03-18T10:24:15+5:302020-03-18T10:25:49+5:30
MP Taja Khabar: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दिग्विजय सिंह बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने गए थे। उन्हें होटल में मौजूद बागी विधायकों से मुलाकात नहीं करने दिया। इसके विरोध में वे धरने पर बैठ गए। पुलिस ने कांग्रेस नेता को हिरासत में ले लिया है।
मध्य प्रदेश में सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार (18 मार्च) को सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बागी छह मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। वहीं, वह आज सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक करने वाले हैं, जिसमें कई अहम निर्णय ले सकते हैं। हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है।
इधर, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दिग्विजय सिंह बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने गए थे। उन्हें होटल में मौजूद बागी विधायकों से मुलाकात नहीं करने दिया। इसके विरोध में वे धरने पर बैठ गए। पुलिस ने कांग्रेस नेता को हिरासत में ले लिया है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरु के रमाडा होटल में ठहरे कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने पहुंचे थे। दिग्विजय ने कहा, 'मैं मध्य प्रदेश से कांग्रेस का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 मार्च को वोटिंग होनी है। मेरे विधायकों को यहां रखा गया है। वह मुझसे बात करना चाहते हैं। लेकिन उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए हैं। मैंने खुद 5 विधायकों से बात की। उन्होंने कहा कि वे बंदी हैं, उनके फोन छीन लिए गए, हर कमरे के सामने पुलिस है। उन्हें 24/7 फॉलो किया जा रहा है। भाजपा फ्लोर टेस्ट के लिए कह रही है लेकिन 22 विधायकों के बिना फ्लोर टेस्ट कैसे हो सकता है?'
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेंगलुरू के अमृताहल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। उनका कहना है कि वह अब भूख हड़ताल पर हैं। उन्हें निवारक (प्रिवेंटिव) गिरफ्तारी के तहत रखा गया है। उनके साथ दिग्विजय सिंह के अलावा कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया भी हैं। सचिन यादव और कांतिलाल भूरिया की भी निवारक (प्रिवेंटिव) गिरफ्तारी कर ली गई है।
इससे पहले कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर सूचित किया कि सदन में शक्ति परीक्षण कराने के संबंध में राजभवन से प्राप्त पत्र को उन्होंने निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास भेज दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को आगे लिखा है, ‘‘सभी तथ्यों के आलोक में मैंने आपके निर्देश को समुचित निर्णय हेतु विधानसभा अध्यक्ष को अग्रेषित कर दिया है। मैं इस पत्र की भी एक प्रति उन्हें अंकित (भेज) कर रहा हूं।’’
राज्यपाल टंडन ने कल मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें 17 मार्च मंगलवार को सदन में विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने लिखा था कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो माना जाएगा कि उसके पास बहुमत नहीं है। कमलनाथ ने लिखा है, ‘‘आपने अपने पत्र में यह खेद जताया है कि आपने जो समयावधि दी थी उसमें विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय मैंने आपको पत्र लिखकर शक्ति परीक्षण कराने में आनाकानी की। मैं आपके ध्यान में यह तथ्य लाना चाहूंगा कि पिछले 15 महीने में मैंने सदन में कई बार बहुमत सिद्ध किया है। अब यदि भाजपा यह आरोप लगा रही है कि मेरे पास बहुमत नहीं है तो वे अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं। मेरी जानकारी में यह आया है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है जो विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित है।’’