मथुराःउत्तर प्रदेश के सहारनपुर और बिजनौर के बाद कांग्रेस ने मथुरा में किसान महापंचायत किया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर हमला बोला।
प्रियंका गांधी ने मथुरा में सौंख रोड पर पालीखेड़ा गांव के मैदान में आयोजित होने वाली सभा को संबोधित की। किसान रैली में शामिल हुईं। किसानों के आंदोलन के समर्थन में तथा केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित किया।
बृजभूमि मथुरा में पहुंचने पर किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी को को स्मृति चिन्ह के रूप में हल भेंट किया। कांग्रेस पार्टी किसानों की हर समस्या का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है, संघर्षरत है। प्रियंका ने कहा कि हम किसान के साथ हैं और मथुरा की धरती अहंकार को तोड़ती है। कृष्ण और कंस का जिक्र किया।
कांग्रेस नेता ने केंद्र और राज्य सरकार का विवेक मर चुका है। भगवान कृष्ण मामा कंस की तरह इनका भी अहंकार खत्म करेंगे। प्रियंका ने कहा, ‘‘उन्हें यह नहीं समझ नहीं आ रहा है कि जो जवान देश की सीमा को सुरक्षित रखता है वह (भी) किसान का बेटा है।’’
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए, प्रियंका ने दावा किया कि नये कृषि कानूनों से सरकारी 'मंडियों' और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जायेगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आपके अधिकार भी समाप्त हो जाएंगे। जिस तरह से उन्होंने पूरे देश को अपने दो-तीन मित्रों को बेच दिया है, उसी तरह से वह आपको (किसानों), आपकी जमीन को अपने खरबपति दोस्तों की कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं।''
उन्होंने कहा, ‘‘2018 में आपको डीजल 60 रुपये में मिलता था लेकिन आज 80 से 90 रुपये में मिल रहा है, बिजली का बिल बढ़ गया है और गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ती जा रही है लेकिन आपको अपने गन्ने का दाम नहीं मिल रहा है, इसकी कीमत वही है।''
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने पिछले साल डीजल पर कर लगाकर 3.5 लाख करोड़ रुपये कमाए, मैं पूछना चाहती हूं कि पैसा कहां गया।’’ तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 28 नवंबर से ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली के टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।
सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है कि वह एमएसपी और मंडी प्रणाली को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी किसानों को आश्वासन दिया है कि एमएसपी जारी रहेगी। तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 28 नवंबर से ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली के टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।