महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच शिवसेना, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर रजामंदी की भी खबरें आने लगी हैं। सूत्रों के अनुसार तीनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर ड्राफ्ट तैयार है।
इन सभी के बीच एनसीपी ने एक संकेत ये भी दे दिया है कि उसे शिवसेना को सीएम पद सौंपने से कोई परेशानी नहीं है। हालांकि, शिवसेना के पास सीएम पद पूरे पांच साल के लिए होगा या फिर ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की एनसीपी मांग करेगी। इस बारे में अभी कोई खुलासा नहीं हो सकता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा, 'सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का सीएम होगा क्या? सीएम के पोस्ट को लेकर ही शिवसेना-बीजेपी के बीच विवाद हुआ तो निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का होगा शिवसेना को अपमानित किया गया है। उनका स्वाभिमान बनाये रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है।'
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत का भी बयान सामने आया जिसमें उन्होंने एक बार फिर सीएम शिवसेना का ही होने की बात दोहराई। हालांकि, उन्होंने भी पूरी तस्वीर साफ नहीं की। संजय राउत से जब सवाल पूछा गया कि क्या शिवसेना का सीएम 5 साल के लिए होगा, या फिर ढाई साल के लिए, इस पर उन्होंने कहा- 'हम तो चाहते हैं कि आने वाले 25 साल तक शिनसेना का सीएम रहे, आप 5 साल की बात क्यों करते हो।'
संजय राउत ने साथ ही कहा, 'देश की आजादी में कांग्रेस का योगदान रहा है और हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम राज्य के हित के लिए बना है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी इसी पर आधारित थी।'