श्रमिक ट्रेनों में कम यात्रियों के सफर करने से 42 लाख नुकसान, महाराष्ट्र सरकार ने कहा

By भाषा | Updated: August 5, 2020 16:52 IST2020-08-05T16:52:06+5:302020-08-05T16:52:06+5:30

महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय ने बताया कि जिन विशेष श्रमिक ट्रेनों का प्रबंध किया गया, उनमें से अधिकतर ट्रेनों में कम यात्रियों के सफर करने से लगभग 42 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

Maharashtra government said loss of Rs 42 lakh due to less passengers traveling in some labor trains | श्रमिक ट्रेनों में कम यात्रियों के सफर करने से 42 लाख नुकसान, महाराष्ट्र सरकार ने कहा

कुछ श्रमिक ट्रेनों में कम यात्रियों के सफर करने से 42 लाख रुपये का नुकसान हुआ

Highlightsमहाराष्ट्र सरकार ने कहा श्रमिक ट्रेनों में कम यात्रियों के सफर करने से 42 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया है।

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को बुधवार को बताया कि कोविड-19 महामारी के बीच प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिये पिछले महीने जिन विशेष श्रमिक ट्रेनों का प्रबंध किया गया, उनमें से अधिकतर ट्रेनों में कम यात्रियों के सफर करने से लगभग 42 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की पीठ को बताया कि अब लाखों प्रवासी कामगार अपने गृह राज्यों से वापस महाराष्ट्र लौट रहे हैं।

पीठ मुंबई स्थित भारतीय व्यापार संघ केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महामारी के बीच महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी कामगारों की दुर्दशा को लेकर चिंता जतायी गई है। महाधिवक्ता कुंभकोनी ने कहा कि पिछले महीने राज्य सरकार ने हजारों प्रवासी कामगारों के लिये ट्रेनों का प्रबंध किया था, लेकिन केवल 3,551 लोगों ने ही इनमें सफर किया।

उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार को लगभग 42 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।'' उन्होंने अदालत को बताया कि पुणे से 383 प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिए एक श्रमिक ट्रेन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन जिस दिन 24 डिब्बों वाली यह ट्रेन रवाना हुई उस दिन उसमें मात्र 49 व्यक्ति ही सवार हुए।

कुंभकोनी ने बताया ‘‘महामारी की शुरूआत में लाखों प्रवासी राज्य से चले गए लेकिन अब वह वापस लौट रहे हैं।’’ याचिकाकर्ता अधिवक्ता रोनिता भट्टाचार्य ने बुधवार को अदालत में कहा कि अभी भी कई प्रवासी श्रमिक अपने गृहराज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल वापस जाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को, अपने गृह राज्य वापस जाने के इच्छुक प्रवासी कामगारों की निश्चित संख्या पता लगाने की जरूरत है। पीठ ने कहा ‘‘साथ ही इस पर भी विचार किया जाना चाहिए कि क्या इन प्रवासी कामगारों के मूल राज्य इन लोगों को वर्तमान हालात में वापस आने देने के इच्छुक हैं।’’ अदालत ने याचिका को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 

Web Title: Maharashtra government said loss of Rs 42 lakh due to less passengers traveling in some labor trains

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