Madhya Pradesh News: कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर किया हमला, कहा- बिना मंत्रिमंडल गठन सरकार ले रही असंवैधानिक फैसले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 3, 2020 05:56 PM2020-04-03T17:56:31+5:302020-04-03T17:56:31+5:30
संविधान के उक्त अनुच्छेद के अनुसार मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक सप्ताह बीत चुका है और प्रदेश में मंत्री परिषद अस्तित्व में नहीं है।
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंत्रिमंडल का गठन न किए जाने को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के पूर्व अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने मंत्रिमंडल के गठन न होने को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर लिए जा रहे शिवराज सिंह के सभी फैसले गलत हैं.
कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने संवैधानिक प्रावधानों के तहत की गई व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद के परन्तुक 164 (1अ) में किसी भी मंत्री परिषद की संख्या क्या हो, सुनिश्चित किया गया है, जो सदन में उस राजनैतिक दल की सदस्य संख्या के अनुपात में 15 प्रतिशत से अधिक न हो, किन्तु मुख्यमंत्री सहित कम से कम 12 सदस्य मंत्रीपरिषद में होना आवश्यक है.
संविधान के उक्त अनुच्छेद के अनुसार मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक सप्ताह बीत चुका है और प्रदेश में मंत्री परिषद अस्तित्व में नहीं है, सिर्फ शिवराज जी ही मुख्यमंत्री के नाते कार्य कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संविधान यह बताता है कि अनुच्छेद-163 यह कहता है कि किसी भी राज्य में मंत्रिपरिषद नहीं होने की वजह से मुख्यमंत्री एक मुखिया होने के नाते राज्यपाल को न कोई सलाह दे सकते हैं और न ही अनुच्छेद-166 के अंतर्गत कोई राज्य सरकार किसी भी प्रकार का कोई आदेश नहीं निकाल सकती है.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में मुख्यमंत्री द्वारा जल्दबाजी में लिए गए निर्णय मसलन, मुख्य सचिव, राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति आइपीएस, आईएएस अधिकारियों के किये गए थोकबंद तबादलों पर स्वत: प्रश्नचिन्ह लग रहा है.
संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने का पुराना है रिश्ता
मिश्रा ने कहा कि इन वर्णित संवैधानिक त्रुटियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भाजपा का नियमों, कानूनों और संवैधानिक मयार्दाओं को तार-तार करने से पुराना रिश्ता है. कल 2 अप्रैल को इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, जो वर्तमान में किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हैं, प्रशासनिक अधिकारियों, कोरोना संक्रमण में अपनी साहसिक सेवाएं दे रहे डाक्टरों व अन्य की बैठक लेते हैं. ,पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के दौरान प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस राजेश राजौरा भाजपा के भोपाल स्थित प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधन देते हैं., यही नहीं भाजपा के तत्कालीन संगठन महामंत्री कप्तानसिंह सोलंकी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में शिरकत करते है.
दरभंगा में भी इस तरह का कार्यक्रम समय-समय पर होते रहता है. इसी कडी में म्यांमार के रहने वाले ये लोग निजामुद्दिन से यहां पहुंचे थे. अपने प्रवास के दौरान शहर सिहत जिला के प्रमुख मस्जिदों में इनका कार्यक्रम हुआ, जिसमें बडी संख्या में लोगों के शरीक होने की बात कही जा रही है.
सूत्र बताते हैं कि इन सभी की वापसी ट्रेन से होनी थी. इसके लिए दिल्ली जानेवाली ट्रेन में आरक्षण कराया गया था. वापसी का टिकट 27 मार्च का बना था. इसी बीच 22 मार्च को जनता कर्फ्यू को लेकर 21 मार्च की रात 10 बजे से 22 मार्च की रात 10 बजे तक ट्रेनों का परिचालन बंद रहा था. वहीं 25 मार्च से पूरे देश में लागू लॉक डाउन हो गया.
बताया जा रहा है कि पूरे देश में यात्री ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया. आनन-फानन में इन सभी मौलिवयों के लिए चारपिहया गाड़ी का प्रबंध किया गया. मामला सामने आते ही जिला प्रशासन सक्रिये हि गया है और मामले की जांच में जुट गया है. इसबीच, जिलाधिकारी ने नोवल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने हेतु संक्रमित संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनकी जाँच की कार्रवाई हेतु नगर आयुक्त/वार्ड पार्षदों के साथ बैठक किया गया.