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मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव: सूची के इंतजार में प्रत्याशी बेकरार, इस वजह से नदारद है चुनावी माहौल

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: November 1, 2018 16:25 IST

बड़े दलों की तुलना में बसपा और सपा ने जरूर कुछ स्थानों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। प्रत्याशियों की घोषणा में अनपेक्षित विलंब के कारण प्रदेश में चुनावी माहौल नहीं बन पाया है।

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मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए मतदान होने में अब मात्र 28 रोज बचे हैं। महीने भर से कम समय शेष रहने के बावजूद भी राज्य के दोनों बड़े दल भाजपा और कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाए हैं। इस कारण राज्य में चुनावी माहौल नहीं बन पाया है। चुनावी अभियान के नाम पर सिर्फ अब तक कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी की सभाएं और रोड शो हुए हैं तो भाजपा की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इंदौर में एक रोड शो किया है। अलबत्ता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जरूर अब तक अपनी जनआशीर्वाद यात्र के जरिए प्रदेश के 183 विधानसभा क्षेत्रों की परिक्रमा कर चुके हैं।

दोनों बड़े दलों के द्वारा एक दूसरे की प्रत्याशी सूचियों का किया जा रहा है इंतजार

निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 2 नवंबर को प्रदेश में चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। इसके साथ ही प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार राज्य में 28 नवंबर को मतदान होगा। इस तरह अब प्रदेश में मतदान के लिए महीने भर से कम का समय बचा है। इसके बावजूद भी पिछले चुनाव की तरह इस बार राज्य में चुनावी माहौल नदारद है। चुनाव की आहट जगह-जगह की जा रही पुलिस की चैकिंग से जरूर मिल रही है। माना जा रहा है कि दोनों बड़े दलों के द्वारा एक दूसरे की प्रत्याशी सूचियों का इंतजार किए जाने के कारण सूचियों में विलंब हो रहा है। दोनों ही दलों के प्रादेशिक नेतृत्व ने प्रत्याशियों को लेकर अपनी राय केंद्रीय नेतृत्व को बता दी है। इसके बावजूद दिल्ली में प्रत्याशियों को लेकर गहन मंथन और चिंतन का दौर चल रहा है।

कांग्रेस और भाजपा के बीच बराबरी का मुकाबला

कांग्रेस ने प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया के लिए दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की लंबी बैठकें की और केंद्रीय चुनाव समिति से होते हुए सूचियां राहुल गांधी के पास पहुंच गई हैं। वे अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया से मशविरा कर प्रत्याशियों के नामों को अंतिम स्वरूप दे रहे हैं। कांग्रेस की तुलना में प्रत्याशियों की सूचियों को परसों शाम को भोपाल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लेकर दिल्ली चले गए थे। अब पार्टी नेतृत्व सूचियों को अंतिम स्वरूप देने में जुटा है। दरअसल इस बार मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच बराबरी का मुकाबला नजर आ रहा है।

भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा- हम संगठनात्मक स्तर पर मैदान में सक्रिय हैं।

इससे दोनों ही दल सावधानी से प्रत्याशियों के चयन को आकार दे रहे हैं। बड़े दलों की तुलना में बसपा और सपा ने जरूर कुछ स्थानों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। प्रत्याशियों की घोषणा में अनपेक्षित विलंब के कारण प्रदेश में चुनावी माहौल नहीं बन पाया है। इसके पीछे एक बड़ा कारण त्यौहारों के मौसम का होना भी है। आम लोगों की दिलचस्पी चुनावों से ज्यादा त्यौहारों में है। नवरात्रि और दशहरा के हो जाने के बाद अब लोग दीपावली की तैयारियों में जुटे हैं। वैसे राजनीतिक दलों के प्रवक्ता यह नहीं मानते हैं कि मैदान में उनकी सक्रियता नहीं है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि हम संगठनात्मक स्तर पर मैदान में सक्रिय हैं। हमारे नेताओं ने मैदान में संपर्क अभियान प्रारंभ कर दिया है। इसी के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गोविंदपुरा क्षेत्र में गए थे और अध्यक्ष राकेश सिंह नरेला विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं से संपर्क करने पहुंचे थे। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और मीडिया विभाग के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस मैदान में है। हमारे नेता लगातार चुनाव अभियान में जुटे हुए हैं। बस प्रतीक्षा है तो प्रत्याशियों की।

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