MP Election: अब हाटपिपलिया में गूंजे बगावत के सुर, कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह बघेल ने दी समर्थकों समेत इस्तीफे की धमकी
By नितिन गुप्ता | Published: November 7, 2018 02:26 PM2018-11-07T14:26:17+5:302018-11-07T14:26:17+5:30
मध्यप्रदेश की 230 विधान सभा सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 11 दिसंबर को होगी और उसी दिन नतीजे आ जाएंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में सम्भवतः पहली बार बीजेपी और कांग्रेस सबसे ज्यादा अंतर्कलह से जूझ रही हैं । इसमें देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट का नाम भी जुड़ गया है , जहां से कांग्रेस ने मनोज चौधरी के नाम पर मुहर लगाई है।
कांग्रेस के मनोज चौधरी का मुकाबला बीजेपी नेता और शिवराज सिंह सरकार में मंत्री दीपक जोशी से होगा। जोशी लागातार तीसरी बार हाटपिपलिया सीट से मैदान में हैं। उधर इस सीट से अपने पुत्र के लिए टिकट मांग रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता , पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह बघेल ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है।
आज दिनभर अपने समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद बघेल ने कांग्रेस पार्टी को टिकट न बदलने पर अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफे की चेतावनी दी हैं। दरअसल देवास जिले के कद्दावर नेता राजेन्द्र सिंह बघेल हाटपिपलिया से 7 बार कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए 3 बार विधायक रहे हैं ।
2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बघेल के विरुद्ध कांग्रेस नेता नारायण सिंह चौधरी बागी उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे। यह चुनाव कांग्रेस महज 220 वोटों से हार गई थी। इस बार कांग्रेस ने नारायण सिंह चौधरी के पुत्र मनोज चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। इससे बघेल समर्थक भड़के हुए हैं।
निर्दलीय लड़कर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को हरा चुके हैं
मंगलवार (छह नवंबर) को समर्थकों की बैठक के बाद तय हुआ कि 9 नवम्बर को राजेन्द्र सिंह बघेल के पुत्र सोनकच्छ नगर परिषद के अध्यक्ष राजवीर सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाख़िल करेंगे। इसके बाद 12 नवम्बर तक पार्टी ने अपना निर्णय नही बदला तो हाटपिपलिया क्षेत्र के ब्लॉक और बूथ लेवल के सैकडो पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देंगे।
यदि राजवीर बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो यहाँ 2008 के चुनाव की तरह इस बार भी दीपक जोशी के सामने बघेल और चौधरी होंगे। इस तरह राजवीर सिंह बागी उम्मीदवार के रूप में मनोज चौधरी की राह में रोड़ा बन अपने पिता की हार के जिम्मेदार नारायण सिंह चौधरी से बदला भी ले सकते हैं।
इससे पहले 1999, 2004 और 2014 में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर राजवीर सिंह बघेल सोनकच्छ नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव तीन बार निर्दलीय लड़ कर बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर जीत चुके हैं ।
मध्यप्रदेश की 230 विधान सभा सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 11 दिसंबर को होगी और उसी दिन नतीजे आ जाएंगे।
मध्यप्रदेश में साल 2003 से ही बीजेपी सत्ता में है। बीजेपी ने कांग्रेस की दिग्विजिय सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर करके राज्य की कमान हासिल की थी जिसके बाद से यह राज्य पार्टी के पास बना हुआ है।