भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और छिंदवाड़ा से विधायक कमलनाथ और उनके पुत्र नकुल नाथ के लापता होने के पोस्टर छिंदवाड़ा में लगाए गए हैं. इस पोस्टर में उन्हें ढूंढकर लाने वाले को 21 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है.
दो महीने पहले मुख्यमंत्री पद से हटे कमलनाथ को लेकर उनके निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में सियासत तेज हो गई है. छिंदवाड़ा में कलेक्ट्रेट, तहसील, पार्क के समीप छिंदवाड़ा विधायक कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ के लापता होने के पोस्टर लगाए हैं.
पोस्टर में उनके वापस लाने वाले को 21 हजार रुपए का इनाम देने की बात लिखी गई है. पोस्टर में यह भी लिखा है कि इस संकट काल में छिंदवाड़ा की जनता उन्हें ढूंढ रही है. आज मंगलवार की सुबह यह पोस्टर शहर में कई स्थानों पर देखे गए.
पोस्टर में यह भी लिखा गया है कि चिट्ठी ने कोई संदेश जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए. यह पोस्टर किसने लगाएं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. पोस्टर पर प्रकाशक के रूप में समस्त छिंदवाड़ा विधानसभा एवं छिंदवाड़ा लोकसभा लिखा गया है.
लाकडाउन में बच्चों को लुभा रहा बाल साहित्य संसार
विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने आज बच्चों की दुनिया को घर के अंदर सीमित कर दिया है, जिसे ज्यादा तीव्रता से महसूस करते हैं वे बच्चे जो कि बाल देखरेख संस्थाओं में रहते हैं. इनका अपना कोई परिवार भी नहीं, ऐसी जटिल परिस्थितियों में इनके अवसाद व मनोसामाजिक समस्याओं से ग्रसित होने की अधिक संभावनाएं होती हैं.
इन मासूम निराश्रित बच्चों को लगातार स्वस्थ मनोरंजन और बौद्धिक विकास की आवश्यकता को समझते हुए छिंदवाड़ा की महिला एवं बाल विकास विभाग कि जिला कार्यक्रम अधिकारी कल्पना तिवारी ने ऐसे बच्चों के लिए एक अभिनव पहल की है. तिवारी ने 'साहित्य बच्चों के लिए' नाम से एक सोशल मीडिया समूह सृजित किया है, जिसमें ऐसे बच्चों को उनकी बाल सुलभ मनोवृत्ति और सपनों को विभिन्न बाल साहित्य की विधाओं के माध्यम से परिकल्पनाओं के उड़ान के पंख और हौसले दिए हैं.
इस समूह में देश के जाने-माने बाल साहित्यकारों को एक मीडिया मंच पर एकत्रित किया गया है, जो अपनी कला से बाल गीत, बाल कथा-कहानियां, बाल पहेलियां रेडियो व वीडियो एपिसोड और फेसबुक उदगार के जागरूकता एपिसोड से समृद्ध व रोचक सामग्री साझा कर रहे हैं.
विभाग द्वारा बच्चों को एक नवीन कार्यक्रम 'बाल रंग' प्रतिदिन लगातार प्रस्तुत किया जा रहा है. बच्चों द्वारा भी इस कार्यक्रम को बड़ी रुचि व उत्साह से देखा-सुना जा रहा है. इसके माध्यम से बच्चे गीत गायन, कहानी श्रवण को चित्रों में उकेरना, अभिनयन जैसी सजीव नई कला सीख रहे है.
महाराष्ट्र से आये 46 हजार से अधिक श्रमिकों को बसों से भेजा
लाकडाउन के मद्देनजर महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश एवं बिहार जाने के इच्छुक श्रमिक बड़ी बिजासन से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. महाराष्ट्र के करीब 46 हजार से ज्यादा मजदूरों को राज्य सरकार द्वारा बसों के द्वारा उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया.
विगत 12 मई से अभी तक मध्य प्रदेश सरकार ने 1042 बसों के माध्यम से 46 हजार 890 श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक नि:शुल्क भेजा है. भेजने के पूर्व इन सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाते हुए उन्हें भोजन-पानी भी नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है.
प्रशासन से प्राप्त जानकारी अनुसार 223 बसों के माध्यम से 10 हजार से अधिक श्रमिकों को बसों के माध्यम से उनके गंतव्य स्थल के लिए रवाना किया जा चुका है. साथ ही श्रमिकों की स्क्रीनिंग, काउंसलिंग कर रूट चार्ट अनुसार बसों के माध्यम से भेजा जा रहा है. 215 बसों के माध्यम से बिहार एवं उत्तर प्रदेश जाने वाले श्रमिकों को देवास भेजा गया है. जबकि मध्यप्रदेश के श्रमिकों को 8 बसों के माध्यम से विभिन्न जिला मुख्यालयों पर भेजा गया है.