लोकसभा चुनावः उत्तर प्रदेश में कल होगा दूसरे चरण का मतदान, पहले चरण में गन्ना तो दूसरे चरण में आलू अहम मुद्दा

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 17, 2019 06:53 PM2019-04-17T18:53:41+5:302019-04-17T19:14:38+5:30

लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की कुल 80 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान हो रहा है। पहले चरण में राज्य की कुल आठ सीटों पर वोटिंग हुई। दूसरे चरण में भी यूपी की आठ सीटों पर मतदान होगा। मथुरा से बीजेपी उम्मीदवार हेमा मालिनी और फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस के राज बब्बर इस चरण में अहम उम्मीदवार हैं।

lok sabha elections 2019 sugercane in first phase and potato in second phase are issues in uttar pradesh | लोकसभा चुनावः उत्तर प्रदेश में कल होगा दूसरे चरण का मतदान, पहले चरण में गन्ना तो दूसरे चरण में आलू अहम मुद्दा

उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं। बीजेपी गठबंधन ने साल 2014 में 73 सीटों पर जीत हासिल की थी।

Highlightsउत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों में से चार पर आलू का मुद्दा हावी है। दूसरे चरण की 8 सीटों में नगीना, बुलंदशहर, आगरा और हाथरस चार सुरक्षित सीटें हैं।फतेहपुर सीकरी में सबसे ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हैं तो सबसे कम सात उम्मीदवार नगीना सीट पर है।

लोकसभा चुनाव में मुद्दा अहम होता है। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी है और चारों तरफ इस बात की चर्चा है कि कौन पार्टी किससे बेहतर है। पहले चरण के मतदान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना एक बड़ा चुनावी मुद्दा था, लेकिन दूसरे चरण (18अप्रैल) में गन्ने की जगह आलू को बड़ा चुनावी मुद्दा माना जा रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस चरण के तहत उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों में से चार पर आलू का मुद्दा हावी है। यूपी में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को लोकसभा की 8 सीटों नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 85 उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग होनी है।

फतेहपुरी सीकरी में सबसे ज्यादा प्रत्याशी

दूसरे चरण में यूपी में फतेहपुर सीकरी में सबसे ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हैं तो सबसे कम सात उम्मीदवार नगीना सीट पर है। दूसरे चरण में हेमामालिनी, राजबब्बर और कर्नाटक से आकर अमरोहा में गठबंधन प्रत्याशी बने दानिश अली सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है।

यूपी की इन आठ सीटों में से चार पर आलू का मुद्दा

लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में कल यूपी, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, पश्चिम बंगाल और ओडिशा इत्यादी में मतदान होना है।
लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में कल यूपी, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, पश्चिम बंगाल और ओडिशा इत्यादी में मतदान होना है।
आगरा और फतेहपुर सीकरी की कुल 57, 879 हेक्टेयर जमीन पर आलू की खेती होती है, वहीं, हाथरस में 46,333 और अलीगढ़ में 23,332 हेक्टेयर जमीन पर आलू उगाया जाता है। इन चारों सीटों पर आलू बड़ा चुनावी मुद्दा है। वहीं, तीसरे चरण के तहत फिरोजाबाद व कन्नौज और चौथे चरण के मतदान के लिए फर्रुखाबाद में आलू अहम मुद्दा हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इन इलाकों के लोग भी यही बात कहते हैं। हमारे यहां का प्रमुख मुद्दा आलू ही है।

किसानों की माँग है, सही दाम मिलना चाहिए

स्थानीय निवासी कह रहे हैं कि हमारे खेतों से मोटा आलू प्रति 50 किलो के हिसाब से 300-350 रुपये में बिक रहा है। गुल्ला (मध्यम आकार) आलू 200-250 रुपये प्रति 50 किलो है और किर्री (छोटा) आलू की कीमत 100-150 रुपये है। बीते तीन सालों से ये दाम कम ही रहे हैं, खास कर नोटबंदी के बाद।

उत्तर प्रदेश के इन इलाकों में मध्य अक्टूबर से नवंबर के बीच आलू की खेती शुरू होती है। फरवरी से मार्च के बीच इसकी फसल काटी जाती है। किसान आम तौर पर अपनी फसल का पांचवां हिस्सा इस दौरान बेच पाते हैं, बाकी के आलू भंडार गृहों में पहुंचाए जाते हैं। इस दौरान भंडार गृहों के मालिक आलू की हरेक बोरी के लिए किसानों से 110 रुपये लेते हैं।

आगरा में 280 भंडार गृह हैं

आगरा के भंडार गृहों की एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश गोयल बताते हैं कि जिले में ऐसे 280 भंडार गृह हैं। हरेक की क्षमता 10,0000 टन आलू रखने की है। वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में इस तरह के 1800 भंडार गृह हैं। इनमें से 1000 भंडार गृह अकेले आगरा और अलीगढ़ जिलों के इलाकों में बने हैं।

नोटबंदी से पहले आगरा के भंडार गृहों में आलू की एक बोरी 600-700 रुपये में बिक रही थी, लेकिन नोटबंदी के चलते 500 और 1000 रुपये के नोट बेकार हो गए, जिससे भंडार गृहों से आलू की इन बोरियों की बिक्री रुक गई। इन्हें मजबूरन 100-125 रुपये प्रति बोरी की कीमत पर बेचना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक यह कीमत बड़े आलू की रही। गुल्ला और किर्री आलू तो एक तरह से मुफ्त में देने पड़े।

जातीय गणित फेल, किसान अहम सवाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने पिछली बार 36 सीटों पर जीत हासिल की थी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने पिछली बार 36 सीटों पर जीत हासिल की थी।
इन इलाकों में आगरा के पास की सीटों की बात करें तो इनमें आगरा के अलावा फतेहपुर सीकरी, बुलंदशहर, अलीगढ़ और हाथरस हैं। जिस तरह दूसरे चरण में मतदान होना है, इन सीटों पर जातीय गणित फेल होता नजर आ रहा है और इसका कारण है, हर सीट पर एक ही जाति के कई उम्मीदवारों का होना।

दूसरे चरण की 8 सीटों में नगीना, बुलंदशहर, आगरा और हाथरस चार सुरक्षित सीटें हैं। मतलब साफ है कि चार सीटों पर हर पार्टी का दलित नेता ही उम्मीदवार होगा. ऐसे में जाति का वोट गणित फेल होना निश्चित है।

Web Title: lok sabha elections 2019 sugercane in first phase and potato in second phase are issues in uttar pradesh



Get the latest Election News, Key Candidates, Key Constituencies live updates and Election Schedule for Lok Sabha Elections 2019 on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections. Keep yourself updated with updates on Uttar Pradesh Loksabha Elections 2019, phases, constituencies, candidates on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections/uttar-pradesh.