लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस को मायावती की शर्त नामंजूर, महागठबंधन का सपना छोड़ बनाया प्लान-बी, हुआ लीक!

By खबरीलाल जनार्दन | Published: July 27, 2018 02:01 PM2018-07-27T14:01:04+5:302018-07-27T16:00:01+5:30

मायावती ने हाल ही में कांग्रेसियों से महागठबंधन में बीएसपी के शामिल होने-ना होने को लेकर बयानबाजी करने से मना किया था।

Lok Sabha Elections 2019: Mayawati, Congress, United Opposition, Rahul Gandhi, P Chidambaram | लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस को मायावती की शर्त नामंजूर, महागठबंधन का सपना छोड़ बनाया प्लान-बी, हुआ लीक!

Lok Sabha Elections 2019: कांग्रेस को मायावती की शर्त नामंजूर, महागठबंधन का सपना छोड़ बनाया प्लान-बी, हुआ लीक!

नई दिल्ली, 27 जुलाईः लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्ष को एकजुट करने की कांग्रेस की तैयारी में मायावती बेहद अहम होती जा रही हैं। मायावती ने हाल ही में पहली बार खुलकर कहा कि कांग्रेस की ओर से महागठबंधन को लेकर जो बयान दिए जा रहे हैं, वे बंद किए जाएं। उन्होंने कहा कि वे किसी तरह की गठबंधन तभी जाएंगी जब उनके लिए सम्मानजनक स्थिति रहेगी। सम्मानजनक स्‍थ‌िति का सीधा मतलब मायावती की कुछ शर्तों से है, जो छन-छन कर अब नीचे तक आ रही हैं।

मायावती ने हाल ही में कांग्रेस के सामने पहली शर्त रखी कि लोकसभा चुनाव से पूर्व जिन तीन राज्यों में चुनाव होने हैं, राजस्‍थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, इन तीनों में समान गठबंधन कांग्रेस चाहे तो हो सकता है, लेकिन किसी एक खास राज्य में चाहे तो बीएसपी अकेले चुनाव में जाना उचित समझेगी। इसके बाद अब वे महाराष्ट्र की भी ताक में हैं। हाल ही मायावती ने शरद पवार से मुलाकात कर के नेशनिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से महागठबंधन की बात कर रही हैं। हरियाणा में वह पहले ही इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के साथ गठबंधन में है। और कांग्रेस जनता दल सेक्यूलर की कांग्रेस की सहयोग वाली सरकार में बीएसपी के एक मंत्री हैं।

दरअसल, बीएसपी पहले राष्ट्रीय पार्टी रह चुकी है। लेकिन बाद में उसने अपनी साख खो दी थी। अब मायावती एक बार फिर अपनी खोई साख वापस पाना चाहती हैं। इस बार उन्होंने महागठबंधन को ढाल बनाई है। चूंक‌ि अब वे इस बात को समझ गईं हैं कि महागठबंधन के तार बिना उनके नहीं जुड़ जाएंगे तो वे कई दांव-पेंच अपना अपनी सारी बातें मनवाने में लगी हैं।

कांग्रेस का प्लान-बी, एकला चलो रे

लेकिन कांग्रेस भी इस फील्ड की मझी हुई खिलाड़ी है। मायावती के तेवर देखते ही उसने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत कांग्रेस एक दिग्गज नेता का मानना है कि अगर प्लान बी लागू हुआ तो कांग्रेस तीन गुनी सीटें जीत सकती है।

गठबंधन और कांग्रेस की रणनीति 

हाल ही में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सरकार) में गृह मंत्री व वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने कांग्रस को एक प्लान सुझाया है। इसमें उन्होंने भारत के 12 राज्यों में किसी पार्टी से गठबंधन ना करने की सलाह दी है। पी चिदंबरम ने जो फॉर्मूला पेश किया उसके तहत कांग्रेस को देश के करीब 12 राज्यों में या तो अकेले या फिर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में चुनाव लड़ना होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि इन 12 में वह राजस्‍थान को शामिल कर रहे होंगे। लेकिन सचिन पायलट ने यह सरेआम कहा था कि वह राजस्‍थान में कोई गठबंधन नहीं चाहते हैं।

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मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, बीजेपी को अकेले टक्कर देने का माद्दा रखती है। ऐसे में हाल में हुई कांग्रेस की नव नियुक्त कांग्रेस कार्यसमिति में भी यह चर्चा हुई कि 2019 में किपन राज्यों में कांग्रेस को मगबंधन करना चाहिए और कहां नहीं? तो इस दौरान कुछ राज्यों में कांग्रेस ने एकला चलो रे की ही रणनीति अपनाई है। इन राज्यों के नामों के खुलासे जल्दी होने के आसार हैं।

English summary :
Congress preparing to unite the opposition before the Lok Sabha elections in 2019 to form Mahagathbandhan and BSP chief Mayawati is becoming very important in that. Mayawati recently said for the first time that the statements made by the Congress about the alliance and forming Mahagathbandhan should be stopped. Mayawati said that the BSP chief and Uttar Pradesh former Chief Minister wouldn't not enter the alliance until and unless she is given some respectable position which indicates towards her terma and conditions.


Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Mayawati, Congress, United Opposition, Rahul Gandhi, P Chidambaram