लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घर वापसी का दौर, पार्टी की नजरें बाहर गये नेताओं पर टिकीं 

By एस पी सिन्हा | Updated: February 1, 2019 18:45 IST2019-02-01T18:45:22+5:302019-02-01T18:45:22+5:30

पार्टी के पुराने नेता केडी शुक्ला कहते हैं कि नए लोग आ रहे हैं तो अच्छी बात है. लेकिन पुराने लोग नजरअंदाज नहीं किए जाने चाहिए. हालांकि कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि पुराने कांग्रेसियों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा.

lok sabha election 2109: congress wants to return his rebel leaders | लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घर वापसी का दौर, पार्टी की नजरें बाहर गये नेताओं पर टिकीं 

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घर वापसी का दौर, पार्टी की नजरें बाहर गये नेताओं पर टिकीं 

बिहार में कांग्रेस जहां एक ओर रैली की तैयारी में जी जान से जुटी है, वहीं कांग्रेस में इन दिनों घर वापसी का दौर भी चलाया जा रहा है. हर दिन नए और पुराने नेता टिकट की उम्मीद लिये कांग्रेस की सदस्यतता ग्रहण कर रहे हैं. नए नेताओं के पार्टी में आने से पुराने कांग्रेसी खासे परेशान नजर आ रहे हैं. आलम यह है कि अब विरोध की आवाज भी बुलंद होने लगी है. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने पुराने कांग्रेसियों को नहीं घबराने की सलाह जरुर दी है. 

ऐसे में जानकारों का मानना है कि बिहार कांग्रेस में घर वापसी कार्यक्रम गृह विद्रोह की बडी वजह बन सकता है. पार्टी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जितनी तादाद में पुराने कांग्रेसियों और नए नेताओं को सदस्यता दिलावाई जा रही है. पार्टी में लंबे समय से बने हुए कांग्रेसी इसे सही नहीं मान रहे हैं. 

पार्टी के पुराने नेता केडी शुक्ला कहते हैं कि नए लोग आ रहे हैं तो अच्छी बात है. लेकिन पुराने लोग नजरअंदाज नहीं किए जाने चाहिए. हालांकि कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि पुराने कांग्रेसियों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. फिर भी जिस अंदाज में घर वापसी हो रही हो वो डर पैदा करता है. 

शुक्ला की ही तरह दूसरे कांग्रेसी विजय सिंह भी कांग्रेस में चल रही घर वापसी से बेहद डरे हुए हैं. कांग्रेस में इन दिनों कई ऐसे चेहरे सक्रीय हो गये हैं, जो चुनाव के वक्त ही नजर आते हैं. आज पार्टी कार्यालय में भोजपुरी एक्टर कुणाल सिंह भी नजर आए. कुणाल सिंह पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड चुके हैं. लंबे समय बाद पार्टी दफ्तर पहुंचे कुणाल सिंह ने एकबार फिर चुनाव लडने की मंसा जाहिर कर दी है.

इस तरह पुराने कांग्रेसियों को ऐसे ही चेहरों से भय सता रहा है, जो सदाकत आश्रम में हरेक खास मौकों पर ही नजर आते हैं. हलांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पुराने कांग्रेसियों को नहीं डरने की सलाह देते हैं. मदन मोहन झा कहते हैं हर आनेवाले टिकट मिल जाए ऐसा बिलकुल नहीं है. 

टिकट पर काफी सोंच समझकर फैसला आलाकमान ही करेंगे. लेकिन कांग्रेस पार्टी में आने वालों का हर तरीके से स्वागत है. कांग्रेस अध्यक्ष नये और पुराने विवाद में भले ही नहीं परना चाहते हों लेकिन कांग्रेसियों के बीच नये और पुराने का भेद चरम पर पहुंचता दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को कहीं घर वापसी कराना भारी न पर जाए. 

बताया जाता है कि पुराने कांग्रेसी नेताओं को हर दल से खींचकर बाहर लाने और दोबारा कांग्रेस में शामिल कराने के प्रयास में जी-जान से लग गई है. पार्टी सूत्रों की मानें, तो कई पुराने कांग्रेसी नेताओं से संपर्क साधा जा रहा है और उन्हें पार्टी में शामिल किया जायेगा. 

वहीं एक पुराने कांग्रेसी नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस की निगाहें, अपनी ही सहयोगी पार्टी राजद पर ज्यादा टिकी हुई है, क्योंकि राजद में उन्हें असंतुष्ट नेताओं की फौज नजर आ रही है.

 

Web Title: lok sabha election 2109: congress wants to return his rebel leaders