लोक सभा 2019 से पहले राजा भैया बनाएंगे अपनी नई पार्टी, बीजेपी और सपा दोनों के लिए बन सकते हैं मुसीबत

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 20, 2018 09:04 PM2018-10-20T21:04:00+5:302018-10-20T21:04:24+5:30

राजा भैया उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। प्रतापगढ़ इलाके के ठाकुर मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है ।

lok sabha election 2019 raghuraj pratap singh alias raja bhaiya will form new party in up | लोक सभा 2019 से पहले राजा भैया बनाएंगे अपनी नई पार्टी, बीजेपी और सपा दोनों के लिए बन सकते हैं मुसीबत

राजा भैया यूपी की कुंडा विधान सभा सीट से लगातार छह बार से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं। (फाइल फोटो)

लखनऊ, 20 अक्टूबर: प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अगले महीने नयी राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं ।

प्रतापगढ़ की बाबागंज सीट से एक अन्य निर्दलीय विधायक विनोद कुमार सरोज ने बताया कि राजा भैया लखनऊ में 30 नवंबर को एक रैली के दौरान नयी पार्टी का ऐलान करेंगे । उसी दिन उनके समर्थक राजनीति में 25 वर्ष पूरे करने के लिए उन्हें सम्मानित करेंगे ।

उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ा, जिसमें लोगों की राय मांगी गयी कि राजा भैया को कौन सा राजनीतिक रास्ता चुनना चाहिए । इसके जवाब में लगभग 80 फीसदी लोगों की राय थी कि राजा भैया को नये राजनीतिक दल का गठन करना चाहिए । सरोज ने बताया कि इसी राय के चलते नये राजनीतिक दल के गठन की प्रक्रिया चल रही है ।

राजा भैया प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं । ठाकुर मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।

यूपी राज्य सभा के पिछले चुनाव में राजा भैया और उनके करीबी विधायकों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के बजाय बीजेपी के उम्मीदवार को वोट देने का आरोप लगा था।

कौन हैं राजा भैया?

31 अक्टूबर 1968 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ मे जन्मे रघुराज सिंह अवध रियासत के भद्री राज के राजघराने से तालुक्क रखते हैं। राजा भैया के नाम से मशहूर रघुराज सिंह छह बार कुंडा विधान सभा सीट से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं।

राजा भैया उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी सरकारों में मंत्री रह चुके हैं।

मार्च 2012 में गठित अखिलेश यादव सरकार में राजा भैया रसद एवं आपूर्ति मंत्री बनाये गये थे। साल 2013 में यूपी पुलिस के डीएसपी ज़िया उल हक़ की हत्या के मामले में नाम जोड़े जाने के बाद राजा भैया ने अखिलेश यादव कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

इससे पहले 1997 में कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में राजा भैया मंत्री रहे थे। राजा भैया  राम प्रकाश गुप्त (1999) और राजनाथ सिंह (2000) की यूपी सरकार में भी मंत्री रहे थे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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