कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने एक बार फिर सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी, कहा- परिवार के मोह से ऊपर उठें

By अनुराग आनंद | Published: September 6, 2020 06:52 PM2020-09-06T18:52:19+5:302020-09-06T19:00:26+5:30

कांग्रेस से निकाले गए नेताओं ने एक बार फिर से सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर विवाद पैदा कर दिया है। चिट्ठी में नेताओं ने सोनिया गांधी से परिवार के मोह से ऊपर उठकर पार्टी को बचाने का आग्रह किया है।

Leaders in Congress once again wrote to Sonia Gandhi, rise above family's fascination | कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने एक बार फिर सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी, कहा- परिवार के मोह से ऊपर उठें

सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने लिखा कि पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति भी कुछ नहीं सुन रही है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस कार्यालय में ताला बंद है। नेताओं ने सोनिया से कहा, ''संवादहीनता का आलम यह है कि दूसरे प्रदेशों को छोड़िए आप के गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में ही संगठन की घटनाएं पार्टी अध्यक्ष के संज्ञान में नहीं लाई जा रही हैं।पत्र में नेताओं ने अपने निष्कासन की तरफ इशारा करते हुए कहा, संवाद के अभाव में पार्टी हित का चिंतन करना और सुझाव देना अनुशासनहीनता नहीं होती।

नई दिल्ली:कांग्रेस में एक बार फिर से पत्र विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेताओं ने एक बार फिर से सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा है कि परिवार के मोह से ऊपर उठ कर पार्टी को बचाने के लिए काम करें।   

टाइम्स नाऊ के मुताबिक, निष्कासित नेताओं में से पूर्व सांसद संतोष सिंह और पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी समेत नौ नेताओं ने दो सितम्बर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारधारा के साथ कांग्रेस और देश को बनाया है, लेकिन विडम्बना यह है कि पिछले कुछ समय से पार्टी जिस तरह से चल रही है।

कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस और अवसाद की स्थिति बन गई-

सभी नेताओं ने पत्र में लिखा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस और अवसाद की स्थिति बन गई है। पत्र में नेताओं ने कहा कि ऐसे में जब देश लोकतांत्रिक मूल्य और सामाजिक सद्भाव के ताने-बाने के बिखराव के संकट से गुजर रहा है, कांग्रेस का जीवंत, गतिशील और मजबूत बने रहना देश के लिए आवश्यक है। 

पत्र में नेताओं ने अपने निष्कासन की तरफ इशारा करते हुए कहा, संवाद के अभाव में पार्टी हित का चिंतन करना और सुझाव देना अनुशासनहीनता नहीं होती। ऐसे हालात को संज्ञान में लेकर उनका निदान करने के बजाए उन्हें भाजपा का आवरण पहनाना खुद को धोखा देने के बराबर है। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने सब जानते हुए भी आंखें बंद कर ली हैं

सभी नेताओं ने सोनिया से कहा, ''संवादहीनता का आलम यह है कि दूसरे प्रदेशों को छोड़िए आप के गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में ही संगठन की घटनाएं पार्टी अध्यक्ष के संज्ञान में नहीं लाई जा रही हैं या फिर आपने सब जानते हुए भी आंखें बंद कर ली हैं।''

इन नेताओं ने अपने निष्कासन का जिक्र करते हुए पत्र में कहा कि एक वर्ष बीतने को है मगर अनुरोध के बावजूद उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया। पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति भी कुछ नहीं सुन रही है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस कार्यालय में ताला बंद है।

गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर में पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, विनोद चौधरी, नेक चंद्र पाण्डेय, पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेंहदी, युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश गोस्वामी और वरिष्ठ नेता राजेन्द्र सिंह सोलंकी तथा संजीव सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था

। इन नेताओं की दलील है कि वे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य हैं लिहाजा उत्तर प्रदेश में पार्टी की अनुशासन समिति उन्हें निष्कासित नहीं कर सकती है।

(पीटीआई इनपुट समेत)

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