जानिए यूपी में पैदा होकर महाराष्ट्र की राजनीति करने वाले JNU के पूर्व छात्र व NCP के कद्दावर नेता डीपी त्रिपाठी का राजनीतिक सफर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 2, 2020 12:21 IST2020-01-02T12:04:18+5:302020-01-02T12:21:15+5:30

प्रकाश करात और सीताराम येचुरी से इनके भाई जैसे संबंध हैं, बीजेपी के अरूण जेटली इनके इमरजेंसी के हमसफर हैं। आइये उनके राजनीतिक सफर के बारे में जानते हैं। 

Know the political journey of DP Tripathi, an alumnus of JNU born in UP and a politician of NCP | जानिए यूपी में पैदा होकर महाराष्ट्र की राजनीति करने वाले JNU के पूर्व छात्र व NCP के कद्दावर नेता डीपी त्रिपाठी का राजनीतिक सफर

जानिए यूपी में पैदा होकर महाराष्ट्र की राजनीति करने वाले JNU के पूर्व छात्र व NCP के कद्दावर नेता डीपी त्रिपाठी का राजनीतिक सफर

Highlightsजेएनयू छात्र संघ चुनाव में भी त्रिपाठी को जीत मिली थीं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डीपी त्रिपाठी ने प्रोफेसर के रूप में छात्रों को पढ़ाना शुरू किया।

शॉर्ट नाम डीपी त्रिपाठी और पूरा नाम देवी प्रसाद त्रिपाठी है। नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के कद्दावर नेताओं में डी पी त्रिपाठी का भी नाम शामिल है। त्रिपाठी  इमरजेंसी के दौरान जेल रहे, राजीव गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे और बाद में शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करने वाली टीम के सदस्य रहे। ज्यादातर बड़ी पार्टियों के बड़े नेता इनके छात्र जीवन के साथी रहे हैं। प्रकाश करात और सीताराम येचुरी से इनके भाई जैसे संबंध रहे, बीजेपी के अरुण जेटली इनके इमरजेंसी के हमसफर माने जाते रहे। आज राजनीतिक अखाड़े के इस खिलाड़ी का लंबी बिमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया है। आइये इनके राजनीतिक सफर के बारे में जानते हैं। 

प्रारंभिक जीवन व पढ़ाई
डीपी त्रिपाठी का जन्म 29 नवंबर 1952 को हुआ था। डीपी त्रिपाठी उत्तर प्रदेश स्थित सुल्तानपुर के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए थे। इसके बाद बचपन इन्होंने यहीं गुजारा था। बाद में त्रिपाठी ने देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। इस दौरान ही राजनीति के प्रति त्रिपाठी के अंदर आकर्षण देखने को मिला था। जेएनयू छात्र संघ चुनाव में भी त्रिपाठी को जीत मिली थीं। यहीं से एक तरह से देखा जाए तो त्रिपाठी का राजनीतिक सफर शुरू हो गया। 

शिक्षक के तौर पर करियर
डीपी त्रिपाठी ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बतौर शिक्षक अपना करियर शुरू किया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डीपी त्रिपाठी ने प्रोफेसर के रूप में छात्रों को पढ़ाना शुरू किया। राजनीति विज्ञान की कक्षा लेते-लेते प्रत्यक्ष राजनीति में जाने के विचार त्रिपाठी के अंदर हिलोरें मारने लगी। इसी का परिणाम हुआ कि उन्होंने देश के प्रत्यक्ष राजनीति में हिस्सा लेने का मन बना लिया। हालांकि, कुछ समय तक उन्होंने थिंक इंडिया नाम के एक पत्रिका का संपादन भी किया। उन्होंने  इस दौरान देश विदेश के कई संस्थानों में जाकर राजनीति विज्ञान के टॉपिक पर भाषण भी दिया। 

प्रत्यक्ष राजनीतिक सफर 
राजीव गांधी के समय में त्रिपाठी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हुआ करते थे। लेकिन बाद में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की बात का उन्होंने विरोध किया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी से त्रिपाठी का मोह कम होता गया और उन्होंने 1999 में एनसीपी ज्वॉइन कर लिया। एनसीपी पार्टी में उन्हें मुख्य प्रवक्ता से लेकर जनरल सेक्रेटरी तक के पद दिए गए। उन्होंने 1999 से 2019 तक के महाराष्ट्र के चुनावों के दौरान सीटों के बंटवारे में भी पार्टी के अंदर अहम भूमिका निभाई। 
 


 

English summary :
Know the political journey of DP Tripathi, an alumnus of JNU born in UP and a politician of NCP


Web Title: Know the political journey of DP Tripathi, an alumnus of JNU born in UP and a politician of NCP

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