CPI ने JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दी राष्ट्रीय परिषद में जगह, वरिष्ठ नेता सी दिवाकरन को किया बाहर
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 30, 2018 09:19 IST2018-04-30T09:19:13+5:302018-04-30T09:19:13+5:30
सीपीआई की 23वीं कांग्रेस में सुधाकर रेड्डी को तीसरी बार पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव निर्वाचित किया है।

kanhaiya kumar jnu
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद का सदस्य निर्वाचित किया है। सीपीआई की 23वीं कांग्रेस में पार्टी के महासचिव सुधारक रेड्डी को लगातार तीसरी बार पार्टी महासचिव चुना गया। राष्ट्रीय परिषद पार्टी से जुड़े फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई है। इससे पहले कन्हैया कुमार सीपीआई की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे।
सुधाकर रेड्डी साल 2012 से ही पार्टी के महासचिव हैं। 76 वर्षीय रेड्डी दो बार लोक सभा सांसद रह चुके हैं। सीपीआई की इस कांग्रेस में 126 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद , 11 सदस्यीय सचिवालय और 11 सदस्यीय नियंत्रण आयोग तथा 13 उम्मीदवार सदस्यों का भी निर्वाचन हुआ। सीपीआई की 23 वीं कांग्रेस 25 अप्रैल को शुरु हुई थी। कन्हैया कुमार पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर तब चर्चा में आए थे जब कुछ मीडिया चैनलों ने दावा किया कि जेएनयू में कुछ छात्रों ने देशविरोधी नारेबाजी की थी। एक टीवी चैनल ने दावा किया कि उस समय जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी देशविरोधी नारा लगाने वालों में थे। बाद में साफ हुआ कि कन्हैया कुमार नारा लगाने वालों को शान्त करा रहे थे।
रेड्डी ने अपने पुनर्निर्वाचन के बाद संवाददाताओं से कहा कि पार्टी कांग्रेस ने आरएसएस-भाजपा द्वारा पेश चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए धर्मनिरपेक्ष , लोकतांत्रिक और वाम शक्तियों के बीच व्यापक एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सीपीआई राष्ट्रीय स्तर पर आरएसएस भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को साथ लाना चाहती है। लेकिन जहां तक केरल का प्रश्न है तो कांग्रेस नीत एकीकृत लोकतांत्रिक मोर्चा माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बना रहेगा। वाम लोकतांत्रिक मोर्चे में भाकपा एक घटक है। सीपीआई की 23 वीं कांग्रेस 25 अप्रैल को शुरु हुई थी।
राष्ट्रीय परिषद के लिए फिर से नामित नहीं किये गये वरिष्ठ पार्टी नेता और केरल के पूर्व मंत्री सी दिवाकरन ने इस फैसले पर अपनी नाखुशी प्रकट की। दिनाकरन केरल की वामपंथी पार्टी सरकार में खाद्य और आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। 75 वर्षीय दिवाकरन कोल्लम के करुणागपल्ली विधान सभा सीट से विधायक हैं।
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