झारखंड विधानसभा चुनावः विधायक कर रहे हैं शुभ मुहूर्त का इंतजार, कांग्रेस का लग सकता है झटका

By एस पी सिन्हा | Published: September 17, 2019 06:16 PM2019-09-17T18:16:09+5:302019-09-17T18:16:09+5:30

शुभ मुहूर्त के आते ही विधायकों के पाला बदलने का खेल शुरू होगा. 28 सितंबर को पितृपक्ष खत्म हो रहा है. इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलने वाला है. स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के प्रति बढे़ आकर्षण का असर झारखंड में भी दिख रहा है.

Jharkhand Assembly Elections: MLAs are waiting for auspicious time, Congress may feel shocked | झारखंड विधानसभा चुनावः विधायक कर रहे हैं शुभ मुहूर्त का इंतजार, कांग्रेस का लग सकता है झटका

राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत, झाविमो विधायक प्रकाश राम और झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा खूब है

Highlightsलोकसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद जहां विपक्षी दलों के हौसले पस्त हैं।मौका पाकर कुछ कांग्रेस विधायक बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पूर्व सूबे की राजनीति करवट लेगी. पितृपक्ष के खत्म होते हीं कई विधायक दूसरे दलों का दामन थामेंगे. विधायकों को सही मुहूर्त का इंतजार है.

शुभ मुहूर्त के आते ही विधायकों के पाला बदलने का खेल शुरू होगा. 28 सितंबर को पितृपक्ष खत्म हो रहा है. इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलने वाला है. स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के प्रति बढे़ आकर्षण का असर झारखंड में भी दिख रहा है.

लोकसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद जहां विपक्षी दलों के हौसले पस्त हैं, वहीं मौका पाकर कुछ कांग्रेस विधायक बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर भाजपा का दामन थाम सकते हैं. राजनीतिक गलियारे में इस बाबत कयास का दौर चरम पर है.

फिलहाल राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत, झाविमो विधायक प्रकाश राम और झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा खूब है. दो दिन पूर्व झाविमो विधायक प्रकाश राम ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की है. प्रकाश राम झाविमो छोड़ने की तैयारी में हैं. वह आनेवाले चुनाव में भाजपा से दांव लगा सकते हैं.

जानकारों की अगर मानें तो कांग्रेस के तीन विधायक सुखदेव भगत (लोहरदगा), मनोज कुमार यादव (बरही) और बादल पत्रलेख (जरमुंडी) पाला बदलने की तैयारी में हैं. ऐसा हुआ तो विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस को झारखंड में जोर का झटका लगेगा.

सुखदेव भगत तेजतर्रार नेता हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को साबित किया है. वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं और उनकी पत्नी लोहरदगा नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं. भाजपा के लिए वे मुफीद हो सकते हैं. वहीं, बरही के विधायक मनोज कुमार यादव भी कद्दावर नेता हैं. वे कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके हैं. बरही से उन्होंने जीत का सिलसिला भी कमोबेश बनाए रखा है. वे दल में अपनी उपेक्षा से नाराज बताए जाते हैं.

वहीं, जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख की छवि साफ-सुथरी है. इसी बल पर उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जीता था. तीनों विधायकों अगर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होते हैं तो इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथलपुथल मचेगा और विधानसभा स्तर पर भी नए समीकरण तैयार होंगे.

फिलहाल भाजपा के उच्चपदस्थ सूत्र इन विधायकों के संपर्क में बताए जाते हैं. सभी को पितृपक्ष के खत्म होने का इंतजार है. उधर, भाजपा को भी लातेहार में मजबूत दावेदार की तलाश है. झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बात आगे बढ़ाई है.

षाडंगी को भाजपा लाने के पक्ष में है. भाजपा विरोधियों के मजबूत दावेदारों को अपने पाले में करने की कोशिश में हैं. मुख्यमंत्री और प्रभारी ओपी माथुर इस पूरे मामले को देख रहे हैं. पार्टी विधानसभा की कुछ सीटों को चिह्नित कर हायर एंड फायर की रणनीति पर काम कर रही है.

इसी कड़ी में झामुमो विधायक दीपक बिरुआ, कांग्रेस नेता अरुण उरांव सहित कई लोगों पर नजर है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के झाविमो में शामिल होने की चर्चा थी. उन्होंने जमशेदपुर के झाविमो नेता अभय सिंह से बात भी बढ़ाई थी.

डॉ अजय के झाविमो में शामिल होने की तिथि भी तय की जा रही थी, लेकिन उन्होंने फिलहाल टाल दिया है. सूचना के मुताबिक वह जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. अक्तूबर महीने में ही डॉ अजय भी अपना पत्ता खोल सकते हैं.यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव से पूर्व भी झारखंड में दलबदल का सिलसिला तेज हुआ था.

राजद की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने उन्हें कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया और उन्हें जीत भी हासिल हुई. राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए. झामुमो के मांडू से विधायक जय प्रकाश भाई पटेल ने भले ही सदस्यता जाने के भय से दल नहीं बदला, लेकिन उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों का खुलकर प्रचार किया. झामुमो ने उन्हें दल से निलंबित कर रखा है.

उधर, विधानसभा चुनाव के पूर्व पलामू प्रमंडल की राजनीति में भी उलटफेर हो सकता है. भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही इस बाबत खासे सक्रिय हैं. उनकी योजना अपने संगठन नवजवान संघर्ष मोर्चा के विस्तार की है. उन्होंने इस बाबत कुछ मौजूदा विधायकों से संपर्क भी साधा है. बताया जाता है कि पांकी के कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह और लातेहार के झाविमो विधायक प्रकाश राम उनके संपर्क में हैं.

प्रकाश राम को फिलहाल झाविमो ने निलंबित कर रखा है. हालांकि, इस बात की भी संभावना प्रबल है कि चुनाव से पूर्व भानु प्रताप शाही नवजवान संघर्ष मोर्चा का विलय भाजपा में कर दें. शाही राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार को हर मोर्चे पर साथ देते रहे हैं. हालांकि, नौजवान मोर्चा के बैनर से निर्दलीय विधायक के रूप में चुन कर आनेवाले भानु प्रताप शाही के लिए भाजपा में जाने का रास्ता अब तक नहीं बन पाया है. पार्टी में भानु को शामिल कराने को लेकर जिच है. भानु पर सीबीआइ जांच को लेकर मामला अटक रहा है. वहीं, पांकी विधायक बिट्टू सिंह का मामला भी अभी अटका हुआ है.

इस संबंध में झाविमो विधायक प्रकाश राम का कहना है कि अभी ऐसा कुछ नहीं है. मुख्यमंत्री से मिलने की बात है, तो वह राज्य के मुखिया हैं. उनसे मिलना-जुलना लगा रहता है. क्षेत्र की समस्या को लेकर हम सरकार के हर स्तर पर जाते हैं. मुख्यमंत्री से भी विकास के पहलू पर ही बात हुई है.

जबकि कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत का कहना है कि सबकुछ मीडिया में चल रहा है. ये बातें कहां से आ रही हैं, मुझे नहीं मालूम. डॉ अजय कुमार के अध्यक्ष पद से हटने के बाद ये बातें तेजी से चलायी जा रही हैं. मैं इस तरह की अटकलों को खारिज करता हूं.

Web Title: Jharkhand Assembly Elections: MLAs are waiting for auspicious time, Congress may feel shocked

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