नई दिल्लीः लद्दाख में एलएसी पर चीन और भारत के बीच तनाव बरकरार है। वहीं, इस मुद्दे को लेकर देश में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जमकर राजनीति हो रही है। बीजेपी भारत-चीन संघर्ष के लिए जवाहरलाल नेहरू जिम्मेदार ठहरा रही है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चीन के मुद्दे पर भिड़ी दोनों पार्टियों की राजनीति को घिनौना बताया है।
समाचार एजेंसी एएनाई की रिपोर्ट के अनुसार, मायावती ने कहा, 'चीन के मुद्दे को लेकर इस समय देश में कांग्रेस और भाजपा के बीच में आरोप-प्रत्यारोप की जो घिनौनी राजनीति की जा रही है वो वर्तमान में कतई उचित नहीं है। इनकी आपसी लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान देश की जनता को हो रहा है। इस लड़ाई में देशहित के मुद्दे दब रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'इन दोनों की लड़ाई में पेट्रोल और डीजल का जो सबसे गर्म मुद्दा है कहीं न कहीं दब रहा है। मेरा केंद्र सरकार को यही कहना है कि वो पेट्रोल और डीजल के दाम नियंत्रित करे। जमीनी स्तर से मिल रही रिपोर्ट के हिसाब से गरीब कल्याण योजनाओं की पब्लिसिटी तो बहुत हो रही है पर इसका लाभ गरीब और जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। हर राज्य में योजनाओं का लाभ सत्ता पक्ष के लोगों को ही मिल रहा है।'
मायावती ने कहा, 'दलगत राजनीति से ऊपर उठ हमने हमेशा देशहित के मुद्दों पर केंद्र सरकार का साथ दिया है। चीन के मुद्दे पर बसपा बीजेपी के साथ खड़ी है। मैं कांग्रेस पार्टी को बता देना चाहती हूं कि बसपा न तो कभी किसी पार्टी की प्रवक्ता रही है न भविष्य में रहेगी।'
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
बता दें, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राजीव गांधी फाउंडेशन पर 2005-06 के दौरान चीनी दूतावास से अनुदान लेने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सोनिया जी राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष और राहुल तथा प्रियंका गांधी इसके सदस्य हैं। आपको चीन से धन लेने की क्या जरूरत थी? आपने धन क्यों लिया? इसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया है जब उन्होंने (कांग्रेस ने) चीन से धन लिया तब वे खुलेआम उनकी आलोचना कैसे कर सकते हैं।
गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक हुए थे शहीद
बता दें, गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था। भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पिछले कुछ सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन की इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करती रही है और उसने क्षेत्र में अमन-चैन की बहाली के लिए चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग करती रही है। दोनों पक्षों ने पिछले कुछ दिन में विवाद सुलझाने के लिए श्रृंखलाबद्ध बातचीत की थी।