हिंदू महासभा ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की 111 वीं जयंती मनाई। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच बहस शुरू हो गई है। नाथूराम गोडसे की जयंती मनाने की निंदा करते हुए कांग्रेस ने कहा कि इस आयोजन को केवल इसलिए होने दिया गया क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार थी।
लॉकडाउन के कारण किसी भी काम को करने की मनाही होने के बावजूद नाथूराम गोडसे की जयंती मनाने के लिए हिंदू महासभा के स्थानीय कार्यालय में एक समारोह का आयोजन किया गया। महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने कहा कि पार्टी के लगभग 3,000 कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को उसी कारण से अपने घरों में दीपक जलाया गया।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा, 'ऐसे आयोजकों को इस बात से बल मिलता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है।'
वहीं, नाराजगी जताते हुए कमलनाथ ने ट्वीट कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि शिवराज सरकार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की जयंती मनाना , आयोजन करना , उसकी तस्वीर पर दीये जलाना , बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। राज्य में जगह-जगह तालाबंदी है, जो किसी भी कार्य को रोकती है, लेकिन गोडसे के जन्मदिन पर संगठन शिवराज सिंह चौहान सरकार की विफलता का सुझाव देता है।'
उन्होंने लिखा , 'हमारी सरकार में हमने ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की थी और करने वालों को चेताया था कि हमारी सरकार में प्रदेश में बापू के हत्यारे का महिमामंडन कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। शिवराज सरकार स्पष्ट करे कि वो बापू की सोच के साथ है या गोडसे की विचारधारा के साथ? हम माँग करते है कि इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो , लॉकडाउन में इस तरह का आयोजन कैसे हुआ , इसकी भी जाँच हो। कांग्रेस इस तरह के कृत्यों पर चुप नहीं बैठेगी और इसका हर मंच पर पुरज़ोर विरोध करेगी।'