सरकार चीन से बात कर रही है, तो कश्मीरियों से बात करना ‘मुश्किल’ क्यों है: पीडीपी
By भाषा | Published: September 16, 2020 08:21 PM2020-09-16T20:21:07+5:302020-09-16T20:21:07+5:30
पीडीपी नेता अब्दुल रहमान वीरी, गुलाम नबी लोन हंजूरा, खुर्शीद आलम और सुहैल बुखारी भी पार्टी की युवा इकाई द्वारा आयोजित बैठक में शामिल हुए।
श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता वहीद उर रहमान पारा ने बुधवार को कहा कि सरकार जब चीन से बात कर सकती है तो उसके लिए कश्मीर के लोगों से बात करना क्यों ‘‘मुश्किल’’ है। पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत प्रदत्त जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद पीडीपी की पहली बैठक में शामिल होने के पश्चात पारा संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
अधिकारियों ने कई नेताओं को एक साल से अधिक समय तक निरुद्ध रखने के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी थी। पीडीपी नेता अब्दुल रहमान वीरी, गुलाम नबी लोन हंजूरा, खुर्शीद आलम और सुहैल बुखारी भी पार्टी की युवा इकाई द्वारा आयोजित बैठक में शामिल हुए।
पारा ने कहा, ‘‘सरकार दावा करती है कि यह मजबूत सरकार है और हम इसे स्वीकार करते हैं। यह चुनौतियां स्वीकार करना पसंद करती है।’’
उन्होंने कहा कि यदि सरकार अफगान शांति प्रक्रिया में शामिल हो सकती है और चीन से बात कर सकती है तो ‘‘फिर आपके लिए कश्मीर के लोगों से वार्ता और मेलमिलाप करना क्यों मुश्किल है?’’ भाषा नेत्रपाल नरेश नरेश