गुलाम नबी आजाद ने कहा- पार्टी ने मेरी बात नहीं मानी तो अगले 50 साल विपक्ष में ही बैठेगी कांग्रेस
By पद्मनारायण झा ‘विरंचि’ | Published: August 29, 2020 03:27 PM2020-08-29T15:27:39+5:302020-08-29T15:27:39+5:30
कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर और गुलाम नबी आजाद सहित कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में व्यापक बदलाव, सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग की थी। जिसको लेकर कांग्रेस के ही नेता विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने लेटर विवाद पर कहा है कि अगर कांग्रेस ने उनकी बात नहीं मानी तो आने वाले 50 साल वह विपक्ष में ही बैठेंगे। अपनी बातों पर कायम रहते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति समेत संगठन के प्रमुख पदों के लिए चुनाव होना चाहिए और जो लोग भी इस चुनाव का विरोध कर रहे हैं उन्हें अपना पद खोने का डर है। गुलाम नबी आजाद ने एनएनआई से बात करते हुए साफ-साफ कहा कि नियुक्त किए गए कांग्रेस अध्यक्ष के पास शायद एक प्रतिशत सपोर्ट भी नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''अगर पार्टी को कोई चुनी हुई इकाई लीड करेगी तो वह ही बेहतर होगा। नहीं तो कांग्रेस आने वाले अगले साल 50 साल तक विपक्ष में बैठती रहेगी।''
गुलाम नबी आजाद ने कहा- कांग्रेस में चुनाव जरूरी
गुलाम नबी आजाद ने एएनआई को कहा, जब आप चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 प्रतिशत आपके साथ होते हैं। अन्य प्रतियोगियों को 10 या 15 प्रतिशत वोट मिलेंगे। जो व्यक्ति जीतता है और पार्टी अध्यक्ष का पद ग्रहण करता है, इसका मतलब है कि 51 प्रतिशत लोग साथ हैं । इस वक्त जो भी कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा, उसके पास 1 प्रतिशत लोगों का समर्थन भी नहीं होगा। अगर CWC के सदस्य चुने जाते हैं तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इसमें समस्या कहां है?"
गुलाम नबी आजाद ने कहा, चुनाव से पार्टी का आधार मजबूत होता है। जो लोग दूसरे, तीसरे या चौथे नंबर पर रहेंगे वो सोचेंगे कि अब हमें पार्टी को और मजबूत करते हुए अगला चुनाव जीतना है। लेकिन अध्यक्ष जो कि अभी नियुक्त होता है, उसके पास 1 प्रतिशत पार्टी कार्यकर्ताओं का साथ भी नहीं है। ये पार्टी को सिर्फ कमजोर कर रहा है।"
अगर कांग्रेस 50 साल तक विपक्ष में बैठना चाहती है तो ना करे चुनाव: गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कहा, कांग्रेस में पिछले कई दशकों से चुनी हुई इकाइयां नहीं हैं। हमें ऐसा 10 से 15 साल पहले ही कर देना चाहिए। अब ऐसे वक्त में हम एक के बाद एक सारे चुनाव हार रहे हैं और अगर हमें वापसी करना है तो पार्टी को और भी मजबूत करना होगा। अगर मेरी पार्टी (कांग्रेस) अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठना चाहती है तो उन्हें चुनाव कराने की कोई जरूरत नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, मुझे पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनना है और ना ही मुझे पार्टी से कुछ चाहिए। मैं एक बार सीएम रहा हूं, एक बार केंद्रीय मंत्री भी रहा हूं, पार्टी में सीडब्ल्यूसी सदस्य और महासचिव रहा हूं। इसलिए मैं कुछ नहीं चाहता। लेकिन मैं अगले पांच से सात साल राजनीति में रहूंगा इसलिए मैं पार्टी का भला चाहता हूं।