बेंगलुरुः कर्नाटक में चुनाव की नौबत नहीं आई। राज्यसभा चुनाव में चारों प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए। जदएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा के एरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती संसद के लिए चुने गए।
देश भर में 19 जून को चुनाव होना था। लेकिन कर्नाटक में चार सीट पर चार प्रत्याशी ही मैदान में थे। इस कारण यहां पर चुनाव की नौबत नहीं आई। कर्नाटक विधानसभा के सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी एम. के. विशालक्षी ने जद (एस) से देवेगौड़ा, कांग्रेस से खड़गे और भाजपा के एरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती के नामांकन पत्रों की जांच के बाद इन्हें (नामांकन पत्रों को) बुधवार को वैध घोषित किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और दो भाजपा उम्मीदवारों को कर्नाटक से राज्यसभा के लिए शुक्रवार को ‘‘सर्वसम्मति से’’ निर्वाचित घोषित कर दिया गया। राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक विधासभा सचिव एम के विशालक्षी ने जद (एस) और कांग्रेस से क्रमश: देवेगौड़ा और खड़गे तथा भाजपा से इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती को ‘‘सर्वसम्मति से निर्वाचित’’ घोषित कर दिया क्योंकि कोई अतिरिक्त उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं था।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘वैध रूप से नामांकित चारों उम्मीदवारों में से किसी के नामांकन वापस न लेने के साथ ही उन्हें सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया गया।’’ नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख आज थी। खड़गे (77) राज्यसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वह अपने चार दशक से अधिक समय के राजनीतिक करियर में लोगों द्वारा सीधे चुने जाते रहे हैं। देवेगौड़ा (87) दूसरी बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। पहली बार वह 1996 में निर्वाचित हुए थे जब वह प्रधानमंत्री थे।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे और देवेगौड़ा दोनों ही गुलबर्गा तथा तुमकुर निर्वाचन क्षेत्रों से हार गए थे। भाजपा के इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती ‘‘कम जाने-पहचाने’’ चेहरे हैं और यह उनके राजनीतिक करियर की पहली बड़ी छलांग है।
राज्य विधानसभा में अध्यक्ष सहित भाजपा के 117 सदस्य हैं
भगवा दल के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा की सिफारिश को खारिज करते हुए कडाडी तथा गस्ती को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। कर्नाटक से चार राज्यसभा सीटों को भरने के लिए 19 जून को चुनाव होना था। ये सीट कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बी के हरिप्राद, भाजपा के प्रभाकर कोरे और जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी की 25 जून को सेवानिवृत्ति के साथ रिक्त हो जाएंगी।
राज्य विधानसभा में अध्यक्ष सहित भाजपा के 117 सदस्य हैं जो राज्यसभा की चार में से दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों की आसान जीत सुनश्चित करने की स्थिति में थे, जबकि कांग्रेस अपने 68 विधायकों के साथ एक सीट पर आसान जीत सुनिश्चित करने में सक्षम थी।
जद (एस) के विधायकों की संख्या 34 है और यह अपने दम पर राज्यसभा की एक भी सीट जीतने में सक्षम नहीं थी, लेकिन इसे कांग्रेस का उसके अतिरिक्त मतों के साथ समर्थन प्राप्त था। किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए न्यूनतम 45 मतों की आवश्यकता थी। हालांकि इस चुनाव में मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि किसी भी दल ने एक-दूसरे के खिलाफ अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा नहीं किया।
ये चारों सीटें 25 जून को रिक्त हो रही हैं, जिनका प्रतिनिधित्व अभी कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बी के हरिप्रसाद, भाजपा के प्रभाकर कोरे और जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी कर रहे थे। खड़गे, इस चुनाव में निर्वाचित घोषित होने के साथ ही राज्यसभा के पहली बार सदस्य बनेंगे। अपने चार दशक से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में वह जनता द्वारा हमेशा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते रहे हैं। राज्यसभा में देवेगौड़ा का यह दूसरा कार्यकाल होगा। वह 1996 में प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे।
अरुणाचल प्रदेश से भाजपा के नबाम रेबिया निर्विरोध चुने गए
अरुणाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार नबाम रेबिया को शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। इस सीट पर उनके अलावा कोई अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं था।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डी जे भट्टाचार्जी ने बताया कि शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का समय समाप्त होने के बाद रेबिया को निर्वाचित घोषित किया गया क्योंकि उनके अलावा कोई अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं था। रेबिया ने ही केवल चुनाव के लिए सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया था।
उन्होंने राज्यसभा में दो बार 1996 से 2002 और फिर 2002 से 2008 तक कांग्रेस के एक सदस्य के रूप में राज्य का प्रतिनिधित्व किया था। वह राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक, जद (यू) के सात, कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार-चार, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के एक विधायक हैं। इनके अलावा तीन निर्दलीय विधायक हैं।
इनपुट भाषा