अर्थव्यवस्था देश के लिए खतरा, यदि बेरोजगारी बढ़ती है तो युवाओं और छात्रों में गुस्से के विस्फोट का खतरा: चिदंबरम
By भाषा | Published: January 14, 2020 01:01 PM2020-01-14T13:01:52+5:302020-01-14T13:01:52+5:30
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ''देश सीएए, एनपीआर विरोधी प्रदर्शनों से प्रभावित है। दोनों एक स्पष्ट और वर्तमान खतरे को प्रस्तुत करते हैं। गिर रही अर्थव्यवस्था देश के लिए एक बड़ा खतरा है। यदि बेरोजगारी बढ़ती है और आय में गिरावट आती है, तो युवाओं और छात्रों में गुस्से के विस्फोट का खतरा है।''
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर के 7.35 प्रतिशत तक पहुंच जाने को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि गिरती अर्थव्यवस्था देश के लिए बड़ा खतरा है।
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ''देश सीएए, एनपीआर विरोधी प्रदर्शनों से प्रभावित है। दोनों एक स्पष्ट और वर्तमान खतरे को प्रस्तुत करते हैं। गिर रही अर्थव्यवस्था देश के लिए एक बड़ा खतरा है। यदि बेरोजगारी बढ़ती है और आय में गिरावट आती है, तो युवाओं और छात्रों में गुस्से के विस्फोट का खतरा है।''
उन्होंने तंज करते हुए कहा, ''खाद्य मुद्रास्फीति 14.12 प्रतिशत है। सब्जियों की कीमतें 60 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हैं। यही भाजपा द्वारा वादा किया गया अच्छे दिन है।" चिदंबरम ने आरोप लगाया, ''अक्षम प्रबंधन का चक्र पूरा हो गया है। जुलाई 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने मुद्रास्फीति 7.39 प्रतिशत पर होने के साथ शुरुआत की थी, जो दिसंबर 2019 में 7.35 प्रतिशत रही।''
गौरतलब है कि खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर, 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है।
देश सीएए, एनपीआर विरोधी प्रदर्शनों से प्रभावित है। दोनों एक स्पष्ट और वर्तमान खतरे को प्रस्तुत करते हैं।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 14, 2020
फिसलन वाली अर्थव्यवस्था देश के लिए एक बड़ा खतरा है। यदि बेरोजगारी बढ़ती है और आय में गिरावट आती है, तो युवाओं और छात्रों के गुस्से में विस्फोट होने का खतरा है।