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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को झटका, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, हाईकोर्ट में याचिका खारिज

By भाषा | Updated: May 22, 2020 19:25 IST

मधु कोड़ा ने सजा पर रोक लगाने को लेकर हाईकोर्ट में ​याचिका दी थी और अपील की थी कि उन्हें चुनाव लड़ने दिया जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने की सुविधा देना तब तक सही नहीं होगा, जब तक वह बरी नहीं हो जाते।

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ठळक मुद्देन्यायमूर्ति विभु बाखरु ने कहा कि व्यापक राय यह है कि अपराधों से जुड़े व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिये चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।कोड़ा ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये अपनी दोषसिद्धी पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये याचिका दायर की थी।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की कोयला घोटाले में दोषसिद्धी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके पूरी तरह निर्दोष साबित नहीं होने तक उन्हें किसी भी तरह के सार्वजनिक पद के लिये चुनाव लड़ने की अनुमति देना उचित नहीं होगा।

न्यायमूर्ति विभु बाखरु ने कहा कि व्यापक राय यह है कि अपराधों से जुड़े व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिये चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। लिहाजा कोड़ा के पाक-साफ होने तक दोषी करार दिये जाने पर रोक लगाना ठीक नहीं है। एक निचली अदालत ने कोड़ा को झारखंड स्थित कोयला ब्लॉकों के कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को आवंटन में 2017 में भ्रष्टाचार और षडयंत्र का दोषी पाया था। कोड़ा ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये अपनी दोषसिद्धी पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये याचिका दायर की थी।

अदालत ने 19 मार्च को उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा, ''याचिकाकर्ता को तब तक सार्वजनिक पदों के चुनाव लड़ने देने की अनुमति देना ठीक नहीं है, जब तक कि वह निर्दोष साबित न हो जाएं।'' अदालत ने कहा, ''अपीलकर्ता (कोड़ा) को मुकदमे के बाद अपराध का दोषी करार दिया गया है। उनकी दोषसिद्धी का एक परिणाम यह हुआ कि अपीलकर्ता सार्वजनिक पद पर रहने योग्य नहीं रहा है। हालांकि यह तर्क दिया जाता है कि इससे अन्याय होगा और अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे, लिहाजा न्यायालय को इसके व्यापक प्रभावों पर भी विचार करना चाहिए।''

अदालत ने कहा कि हाल के दिनों में यह मांग तेज हुयी है कि राजनीति को अपराधमुक्त करने के लिए कदम उठाए जाएं, क्योंकि ''बड़ी संख्या में, आपराधिक पृष्ठभूमि या संगीन आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति विधानसभाओं और संसद के चुनाव लड़ते हैं और जीत जाते हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा, ''यह चिंता का विषय है।'' अदालत ने कहा, ''विधि आयोग ने अपनी 244वीं रिपोर्ट मे भी सिफारिश की थी कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, उसे चुनाव के लिए अयोग्य घोषित जाना चाहिये। स्पष्ट है कि अगर व्यापक राय यह है कि अपराधों से जुड़े व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिये चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए, तो याचिकाकर्ता के पाक-साफ होने तक दोषी करार दिये जाने पर रोक लगाना ठीक नहीं है।'' 

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