बारिश से हुए जान माल के नुकसान के लिए उचित मुआवजा दे दिल्ली सरकार: भाजपा
By भाषा | Published: July 21, 2020 05:38 AM2020-07-21T05:38:40+5:302020-07-21T05:38:40+5:30
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने कहा कि चार दिन पहले मुख्यमंत्री के साथ हुई डिजीटल बैठक में एक विधायक ने पीडब्ल्यूडी द्वारा नालों की सफाई का मामला उठाया था लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
नयी दिल्ली: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार बारिश की वजह से राजधानी में रविवार को हुए जान और माल के नुकसान के मद्देनजर प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दे।
गुप्ता ने कहा कि मानसून की पहली बारिश में ही ‘‘दिल्ली शहर वेनिस बन गया’’ क्योंकि दिल्ली सरकार की एजेंसियों ने नालों की सफाई नहीं कराई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मानसून की पहली भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में रविवार को चार व्यक्तियों की मौत हो गई।
मध्य दिल्ली में मिंटो ब्रिज के नीचे पानी भर जाने के कारण एक मिनी ट्रक के डूब जाने से उत्तराखंड के 56 वर्षीय एक चालक की भी मौत हो गई। भारी बारिश के कारण अन्ना नगर के झुग्गी-बस्ती इलाके में 10 मकान ढह जाने से कई लोग बेघर हो गए। यह कालोनी आईटीओ के पास विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्माणाधीन इमारत के पीछे स्थित है और नाले से सटी हुई है।
यातायात पुलिस के मुताबिक भारी बारिश के कारण मिंटो रोड, आजादपुर अंडरपास, साउथ एवेन्यू रोड, आजाद मार्केट, मूलचंद अंडरपास सहित राजधानी के कई इलाकों में पानी भर गया था और यातायात बाधित हो गया था। गुप्ता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि रविवार की बारिश की वजह से जिन चार लोगों की जान गई है उन्हें दिल्ली सरकार उचित मुआवजा दे। जिनके मकान तबाह हुए है, उन्हें भी मुआवजा मिलना चाहिए।’’
गुप्ता ने आरोप लगाया कि बारिश से सड़कों पर जलजमाव हो गया क्योंकि दिल्ली सरकार ने नालों की सफाई नहीं की ताकि निकासी हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कितने नालों की सफाई कराई इसकी सूची जारी करे। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने गुप्ता के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भाजपा नेता महामारी के समय भी राजनीति करने और आरोप प्रत्यारोप से बाज नहीं आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं ने भाजपा से कहा है कि जलभराव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप ना करे और मिलजुलकर समस्या का समाधान निकाले। हालांकि गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के दावे मानसून की पानी में बह गए जिसकी वजह से सौ से अधिक स्थानों पर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई, चार लोगों की जान गई और 101 मकान तबाह हो गए।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल और उनके नेता अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे है और कोरोना महामारी का हवाला देकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल सिर्फ ट्वीटर पर साथ मिलकर काम करने की बात करते हैं लेकिन वास्तविकता में कभी साथ मिलकर काम करने की कोशिश ही नहीं करते।’’
उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार मानसून की तैयारियों को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए और इसमें नगर निगम सहित एजेंसियों को भी बुलाया जाए। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने कहा कि चार दिन पहले मुख्यमंत्री के साथ हुई डिजीटल बैठक में एक विधायक ने पीडब्ल्यूडी द्वारा नालों की सफाई का मामला उठाया था लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। भाजपा के आरोपों का प्रतिकार करते हुए चड्ढा ने कहा कि निकास प्रणाली दिल्ली सरकार के अधीन आती है लेकिन बारिश के जल से नालों के रखरखाव का जिम्मा नगर निगमों का है।
एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘नालों की सफाई क्यों नहीं की गई। नालों की सफाई नहीं होगी तो स्थिति में सुधार होना मुश्किल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नगर निगमों से आग्रह करेंगे कि वे अपनी जिम्मेदारी लें और अपने अधीन आने वाले नालों की सफाई करें जैसा कि दिल्ली सरकार अपने अधीन नालों की सफाई कर रही है।’’ राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगमों में भाजपा काबिज है।