Coronavirus lockdown: गैर- यूरिया उर्वरकों की सब्सिडी दरें घटीं, चालू वित्त वर्ष में 22,186.55 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान

By भाषा | Published: April 22, 2020 07:05 PM2020-04-22T19:05:00+5:302020-04-22T19:05:00+5:30

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘सीसीईए ने वर्ष 2020- 21 के लिये फास्फेटिक और पोटाशिक (पी एण्ड के) उर्वरकों के लिये पोषण आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी है।

Coronavirus lockdown subsidy rates non-urea fertilizers reduced estimated to cost Rs 22,186.55 crore in current fiscal | Coronavirus lockdown: गैर- यूरिया उर्वरकों की सब्सिडी दरें घटीं, चालू वित्त वर्ष में 22,186.55 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान

वर्ष 2019.20 में इन पर कुल सब्सिडी खर्च 22,875 करोड़ रुपये था। (photo-ani)

Highlightsप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया।वर्ष 2020- 21 के दौरान पीएण्डके उर्वरकों पर सब्सिडी के तहत कुल खर्च 22,186.55 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

 

 

नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच सरकार ने बुधवार को गैर- यूरिया उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी दरों में कटौती की है।

सरकार की इस पहल से चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खजाने पर उर्वरक सब्सिडी बोझ कम होकर 22,186.55 करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘सीसीईए ने वर्ष 2020- 21 के लिये फास्फेटिक और पोटाशिक (पी एण्ड के) उर्वरकों के लिये पोषण आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी है।

वर्ष 2020- 21 के दौरान पीएण्डके उर्वरकों पर सब्सिडी के तहत कुल खर्च 22,186.55 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’ उर्वरक मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि चालू वित्त वर्ष के लिये नाइट्रोजन पर सब्सिडी को पिछले साल के 18.90 रुपये से घटाकर 18.78 रुपये प्रति किलो, फास्फोरस पर 15.21 रुपये से घटाकर 14.88 रुपये किलो, पोटाश पर 11.12 रुपये से घटाकर 10.11 रुपये किलो और सल्फर पर 3.56 रुपये से घटाकर 2.37 रुपये किलो कर दिया है।

वर्ष 2019.20 में इन पर कुल सब्सिडी खर्च 22,875 करोड़ रुपये था। सीसीईए ने इसके साथ ही एनबीएस में एक काम्प्लेक्स उर्वरक अमोनियम फास्फेट (एनपी14:28:0:0) को भी शामिल करने को मंजूरी दी है। सरकार ने वर्ष 2010 में पोषण आधारित सबसिडी (एनबीएस) कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत यूरिया को छोड़कर सब्सिडी पर उपलब्ध कराये जाने वाले फोस्फेटिक और पाटाशिक (पीएण्डके) उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड के लिये सालाना आधार पर सब्सिडी राशि तय की जाती है। यह सब्सिडी उनमें मौजूद पोषक तत्व के आधार पर तय की जाती है।

इसके अलावा डायअमोनियम फास्फेट (डीएपी) मुरिएट आफ पोटाश (एमओपी) और एनपीके जैसे गैर- यूरिया उर्वरकों के दाम नियंत्रण मुक्त किये जा चुके हैं और इनका निर्धारण इनके विनिर्माताओं द्वारा ही किया जाता है।

केन्द्र सरकार हर साल उन्हें एक निर्धारित सब्सिडी उपलब्ध कराती है। जहां तक यूरिया की बात है सरकार इसका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय कर देती है उसके बाद उत्पादन लागत और तय किये गये एमआरपी के बीच जो अंतर होता है वह विनिर्माताओं को उपलब्ध करा दिया जाता है। सरकार उर्वरकों और यूरिया तथा 21 ग्रेड के पीएण्डके उर्वरकों को किसानों को सस्ते दाम पर सुलभ कराने के लिए विनिर्माताओं अथवा आयातकों को सब्सिडी की राशि देती है। 

Web Title: Coronavirus lockdown subsidy rates non-urea fertilizers reduced estimated to cost Rs 22,186.55 crore in current fiscal

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