लाइव न्यूज़ :

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का ट्वीट-तीन माह के बिजली बिल माफ करे शिवराज सरकार

By राजेंद्र पाराशर | Updated: May 22, 2020 15:52 IST

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बिलों को लेकर हम शिवराज सरकार से कई बार मांग कर चुके है कि लाकडाउन को देखते हुए प्रदेश की जनता का तीन माह का बिजली बिल तत्काल माफ किया जाएं.

Open in App
ठळक मुद्देपूर्व मुख्यमंत्री ने आज ट्वीट कर एक बार फिर लोगों के तीन माह के बिजली बिल माफ करने की मांग की है.प्रदेश सरकार भी उद्योगों को इस संकट काल में भी आ रहे भारी भरकम बिजली बिलों में राहत प्रदान करे.

भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से मांग की है कि लाक डाउन को देखते हुए तीन माह के बिजली बिल माफ किए जाएं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आज ट्वीट कर एक बार फिर लोगों के तीन माह के बिजली बिल माफ करने की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बिलों को लेकर हम शिवराज सरकार से कई बार मांग कर चुके है कि लाकडाउन को देखते हुए प्रदेश की जनता का तीन माह का बिजली बिल तत्काल माफ किया जाएं.

साथ ही हम मांग करते है कि देश के अन्य राज्यों की तरह प्रदेश सरकार भी उद्योगों को इस संकट काल में भी आ रहे भारी भरकम बिजली बिलों में राहत प्रदान करे. लाकडाउन की अवधि में करीब 60 दिन से उद्योग बंद पड़े है, फिर भी उन्हें लाखों के बिल थोपे जा रहे है.

उन्होंने कहा कि फिक्स चार्ज से लेकर न्यूनतम यूनिट चार्ज, लाइन लास चार्ज, विलंब चार्ज सहित अन्य चार्ज में लाकडाउन की अवधि में सरकार छूट प्रदान कर उन्हें राहत प्रदान करे.

बिजली बिलों में राहत की मांग को लेकर ई-धरना देंगे 10,000 उद्यमी

कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने विरोध प्रदर्शन का तरीका भी बदल दिया है. लॉकडाउन अवधि में बिजली बिलों में राहत की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के करीब 10,000 उद्यमी ई-धरना देने की तैयारी कर रहे हैं.

 एमएसएमई क्षेत्र के इंदौर स्थित संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश (एआईएमपी) ने इस ई-धरने का आह्वान किया है. एआईएमपी के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने बताया, "लॉकडाउन के कारण प्रदेश में करीब दो महीने से अधिकांश कल-कारखाने बंद हैं और औद्योगिक विद्युत उपभोग न के बराबर है. इसके बावजूद सूबे की विद्युत वितरण कम्पनियां तानाशाही रवैया दिखाते हुए हमें निर्धारित शुल्क (फिक्स्ड चार्ज) और अन्य अनुचित शुल्कों के आधार पर मोटी रकम के बिजली बिल भेज रही हैं."

उन्होंने कहा, "कोविड-19 के संकट से लड़ते-लड़ते उद्योग जगत का सब्र भी जवाब देने लगा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिये कि वह अन्य राज्य सरकारों की तर्ज पर मध्य प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली बिलों में राहत दिलवायें."

डफरिया ने कहा, "हमारी मांग है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली की वास्तविक खपत के आधार पर औद्योगिक इकाइयों के बिल तैयार किये जायें और अनुचित शुल्क समाप्त किये जायें." एआईएमपी के संचालक मंडल के सदस्य अमित धाकड़ ने बताया कि ई-धरना बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे से शुरू होकर करीब डेढ़ घंटे चलेगा.

इसमें प्रदेश भर के करीब 10,000 उद्यमी फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये अपने घरों से शामिल होंगे/ धाकड़ ने बताया कि एक वीडियो कॉन्फ्रेंस ऐप के जरिये होने वाले संवाद में प्रदेश सरकार के एक आला अधिकारी को उद्यमियों की मांगों को लेकर ऑनलाइन ज्ञापन भी दिया जायेगा.

टॅग्स :मध्य प्रदेशकांग्रेसशिवराज सिंह चौहानकमलनाथ
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा