श्रमिक स्पेशल ट्रेनः रेलवे यूनियन ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कहा- तुच्छ राजनीति नहीं करिए, भीड़ कम हो, इस कारण लिए जा रहे पैसे

By भाषा | Published: May 7, 2020 04:32 PM2020-05-07T16:32:50+5:302020-05-07T16:32:50+5:30

श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी पर राजनीति जारी है। इस बीच एआईआरएफ ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को पत्र लिख कर कहा है कि इस मुद्दे पर राजनीति मत कीजिए। पहले ये तो जान लीजिए की किराया क्यों लिया जा रहा है।

Corona virus India lockdown Shramik Special Train Railway Union wrote letter Sonia Gandhi petty politics crowd managing Shivgopal Mishra | श्रमिक स्पेशल ट्रेनः रेलवे यूनियन ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कहा- तुच्छ राजनीति नहीं करिए, भीड़ कम हो, इस कारण लिए जा रहे पैसे

रेलवे स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ जमा होने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। (photo-ani)

Highlightsमहामारी के दौरान यात्रा करना खतरनाक है लेकिन रेल कर्मचारी अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बना रहे हैं।प्रवासियों की मदद करने वाली एक अच्छी प्रणाली को तुच्छ राजनीतिक फायदों के लिये खराब नहीं करने का अनुरोध करता हूं।

नई दिल्लीः  ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराये को लेकर ‘तुच्छ राजनीति’ में संलिप्त होने से बचने की अपील करते हुए कहा कि स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ लगने को रोकने के लिये रेलवे टिकट के पैसे ले रही है।

एआईआरएफ ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान यात्रा करना खतरनाक है लेकिन रेल कर्मचारी अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बना रहे हैं। फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं 115 स्पेशल ट्रेनों से घर लौटने में प्रवासियों की मदद करने वाली एक अच्छी प्रणाली को तुच्छ राजनीतिक फायदों के लिये खराब नहीं करने का अनुरोध करता हूं।’’

उनका कहना था कि रेलवे स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ जमा होने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। रेलवे देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिये एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है। विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर प्रवासी कामगारों की इन यात्राओं के लिये टिकट के पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।

हालांकि, सरकार ने कहा है कि किराये का 85 प्रतिशत हिस्सा रेलवे वहन कर रहा है जबकि शेष 15 प्रतिशत रकम राज्य सरकारें दे रही हैं, जिनके अनुरोध पर उनके राज्य के लिये स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। एआईआरएफ ने कहा कि स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ लगने को रोकने के लिये रेलवे टिकट के पैसे ले रही है। रेलवे ने बुधवार तक, 1.35 लाख प्रवासी कामगारों को 140 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उनके घर पहुंचाया है।

अब तक 163 से अधिक श्रमिक ट्रेन चलाई गईं, 1.60 लाख श्रमिकों को गृह राज्य पहुंचाया गया

भारतीय रेलवे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक मई से अब तक 163 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 1.60 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह नगर पहुंचाया है। रेलवे ने कहा कि उसने बुधवार को 56 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई और बृहस्पतिवार को अभी तक 14 ट्रेनें चलाई गई हैं। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया, “हम दिन के अंत तक कुछ और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं।” बुधवार रात तक रेलवे ऐसी 149 ट्रेनें चला चुका था। प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं जिनमें से हर एक डिब्बे में 72 सीटें हैं। लेकिन सामाजिक नियमों का पालन करने के वास्ते एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है और मिडल बर्थ किसी भी यात्री को नहीं दी जा रही है। हालांकि इन सेवाओं में होने वाले खर्च की जानकारी रेलवे की ओर से नहीं दी जा रही है, अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि प्रति सेवा रेलवे को 80 लाख रुपये का खर्च वहन करना पड़ा है। सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात में खर्च वहन किया गया है। सेवा की शुरुआत से ही मुख्य रूप से गुजरात और केरल से श्रमिकों को बिहार और उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया। भाषा यश नरेश नरेश

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