दलित सांसद ने पीएम मोदी और अमित शाह को लिखा पत्र, कहा- सीएम योगी ने डाँट कर भगा दिया
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 6, 2018 08:11 IST2018-04-06T08:11:23+5:302018-04-06T08:11:48+5:30
छोटे लाल खरवार उत्तर प्रदेश की रॉबर्टसगंज संसदीय सीट से सांसद हैं। बीजेपी में आने से पहले वो बसपा से जुड़े हुए थे।

MP Chhote Lal Kharwar
उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद और दलित नेता छोटे लाल खरवार ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखित शिकायत भेजी है। दलित सांसद ने आरोप लगाया है कि सीएम आदित्यनाथ ने उन्हें "डांटा और बाहर निकाल दिया।" सांसद का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ ने उनके संग ऐसा दो बार किया। सांसद छोटे लाल खरवार ने ये पत्र पिछले महीने लिखा था जिसकी प्रति इंडियन एक्सप्रेस अखबार को मिली है। छोटे लाल खरवार उत्तर प्रदेश की रॉबर्टसगंज संसदीय सीट से सांसद हैं। बीजेपी में आने से पहले वो बसपा से जुड़े हुए थे।
छोटेलाल खरवार ने पत्र में आरोप लगाया है कि पिछले साल उनके भाई जवाहर खरवार ोक नौगढ़ ब्लॉक प्रमुख पद से "अविश्वास प्रस्ताव" के जरिेए "बीजेपी के सवर्ण नेताओं की मदद" से हटवा दिया गया था। खरवार ने पीएम मोदी और अमित शाह को लिखे पत्र में आरोप गाया कि स्थानीय बीजेपी नेताओं ने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार को पिछले महीने हुए ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीतने में मदद की। इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित पत्र के अंश के अनुसार खरवार ने लिखा कि "यह बेहद शर्म की बात है....एक ही गलती थी कि एक दलित सामान्य सीट से प्रमुख बन गया था।"
सांसद खरवार ने दावा किया कि उन्होंने इस बारे में बीजेपी की जिला इकाई के पदाधिकारियों, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव (संगठन) सुनील बंसल, सांसद और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में सम्पर्क करने की कोशिश की थी लेकिन सब बेकार गया। सांसद खरवार ने पत्र में लिखा है, "मुख्यमंत्री से भी दो बार मिला लेकिन मदद नहीं मिला, डाँट के भगा दिया गया।" सांसद खरवार ने पत्र में दावा किया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सारकर अवैध कब्जे के मामले में उन्हें केवल निशाना बना रही है।
सांसद खरवार ने पत्र में आरोप लगाया कि जब उन्होंने जंगल की जमीन पर ताकतवार लोगों द्वारा कब्जे की शिकायत की तो उनके चंदौली स्थित घर को ही अवैध ढंग से कब्जा की हुई जमीन पर बनाया गया घर बताया गया, जबकि उसके आसपास की जमीनों की अनदेखी की गयी। सासंद खरवार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्होंने पिछले साल "अगड़ी जाति के भूमाफिया" शुड्डू सिंह के खिलाफ शिकायत की थी जिसकी अनदेखी की गयी।
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दो अप्रैल को देश के विभिन्न दलति संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट पर दिये गये ताजा फैसले के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया था। भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में 10 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अपने एक फैसले में एससी-एसटी एक्ट में अभियुक्त सरकारी अफसरों की तुरंत गिरफ्तार को गैर-जरूरी बताते हुए कहा था कि ऐसा करना आवश्यक नहीं है। नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है जिस पर सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर पहली सुनवाई के दौरान कहा कि उसने एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ फैसला नहीं दिया है। सर्वोच्च अदालत ने फिलहला अपने फैसले को बरकरार रखा है। मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।