नागरिकता संशोधन विधेयक: कांग्रेस ने कहा, 9 बार हुआ बदलाव लेकिन कभी भी धर्म को आधार नहीं बनाया गया

By भाषा | Published: December 11, 2019 02:29 PM2019-12-11T14:29:32+5:302019-12-11T14:29:32+5:30

आनंद शर्मा ने एनआरसी को पूरे देश में लागू करने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुये कहा कि पूरे देश में हिरासत शिविर बनाने के लिये जगह ले ली गयी

Citizenship Amendment Bill 2019 is an assault on Indian Constitution, says Congress leader Anand Sharma | नागरिकता संशोधन विधेयक: कांग्रेस ने कहा, 9 बार हुआ बदलाव लेकिन कभी भी धर्म को आधार नहीं बनाया गया

आनंद शर्मा (फाइल फोटो)

Highlightsधार्मिक आधार पर नागरिकता देने को संविधान के विरूद्ध मानते हुये इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं-कांग्रेसशर्मा ने कहा कि इससे पहले पड़ोसी देशों से ही नहीं बल्कि श्रीलंका, केन्या और युगांडा सहित अन्य देशों से भी भारत आने वाले शरणार्थियों को शरण दी गयी।

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) में धार्मिक आधार पर नागरिकता देने के प्रावधानों को ‘‘विभाजनकारी’’ करार देते हुए कांग्रेस ने बुधवार को इस विधेयक को संविधान के विरुद्ध करार दिया। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में पेश विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुये उच्च सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार की यह दलील तर्कसंगत नहीं है कि पिछले 70 सालों में अन्य देशों से भारत आने वाले प्रताड़ित लोगों को नागरिकता नहीं दी गयी।

शर्मा ने कहा कि इससे पहले पड़ोसी देशों से ही नहीं बल्कि श्रीलंका, केन्या और युगांडा सहित अन्य देशों से भी भारत आने वाले शरणार्थियों को शरण दी गयी। इसके लिये नागरिकता कानून में नौ बार संशोधन किया गया लेकिन एक बार भी धार्मिक आधार पर नागरिकता नहीं दी गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संविधान धार्मिक आधार पर भेदभाव का स्पष्ट निषेध करता है। संविधान की इस मूल भावना का पालन करते हुये मानवीय आधार पर नागरिकता दी गयी। इसलिये हम धार्मिक आधार पर नागरिकता देने को संविधान के विरूद्ध मानते हुये इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।’’

शर्मा ने लोकसभा में इस विधेयक पर जवाब के दौरान गृह मंत्री द्वारा धार्मिक आधार पर देश के विभाजन के लिये कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेदार ठहराने को गलत बताते हुये कहा, ‘‘1943 में सावरकर जी ने औपचारिक रूप से घोषणा कर दी थी कि मुझे जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत के प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है।’’ उन्होंने इसके लिये कांग्रेस को दोष दिये जाने को गलत बताया।

शर्मा ने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुये पूछा कि आखिर देश के विभाजन में अंग्रेजों की भूमिका का जिक्र क्यों नहीं किया जाता है। कांग्रेस नेता ने विधेयक को भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा होने के कारण इसे लागू करने की प्रतिबद्धता को ‘राजहठ’ करार देते हुये कहा, ‘‘किसी दल का घोषणापत्र संविधान से नहीं टकरा सकता है, ना उसके ऊपर जा सकता है। लेकिन हम सभी ने संविधान की शपथ ली है इसलिये हमारे लिये पार्टी का घोषणापत्र नहीं संविधान सर्वोपरि है।’’

शर्मा ने एनआरसी को पूरे देश में लागू करने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुये कहा कि पूरे देश में हिरासत शिविर बनाने के लिये जगह ले ली गयी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के एक मशहूर भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसमें हर धर्म के प्रताड़ित व्यक्ति को शरण दी गयी है। शर्मा ने मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपने प्रचार अभियानों में उपयोग किये जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार को गांधी के चश्मे ही नहीं उनके नजरिये को भी अपनाना चाहिए। 

Web Title: Citizenship Amendment Bill 2019 is an assault on Indian Constitution, says Congress leader Anand Sharma

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