रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली उत्सव के अवसर पर 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत की और रायपुर में समारोह में भाग लिया।
गोधन न्याय योजना के तहत हर गांव में गोठान समिति और स्वयंसेवी समूह बनाए जाएंगे। लोगों से 2रु./किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा। गोबर से बनने वाली वस्तुओं का निर्माण किया जाएगा, प्रमुख रूप से वर्मी खाद 8रु./किलो के हिसाब से सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव की उम्मीद से प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य सरकार पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद करेगी जिससे जैविक खाद तैयार किया जायेगा। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
देश में अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना की शुरुआत आज से छत्तीसगढ़ में हुई
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि देश में अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना की शुरुआत आज से छत्तीसगढ़ में हुई। लोक पर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांकेतिक रूप से गोबर खरीद कर इसकी शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से दो रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार इस योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी करना है। उन्होंने बताया कि इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है।
गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को नए साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनेगी।