Budget 2021: होम लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी, अब सस्ते में सच होगा अपने घर का सपना
By अमित कुमार | Updated: February 1, 2021 13:43 IST2021-02-01T13:42:27+5:302021-02-01T13:43:59+5:30
Union Budget 2021 India, FM Nirmala Sitharaman Speech Updates: बहुत से लोग घर खरीदने के लिए होम लोन की मदद लेते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक साल के लिए बढ़ाया अडिशनल छूट की सीमा...

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
Budget Announcements for Affordable Housing and Rental Housing: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। घर खरीदने वालों और किराए पर रहने वालों को राहत देते हुए टैक्स में 1.5 लाख रुपये की छूट के प्रावधान को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले इस स्कीम की समय सीमा 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही थी। लेकिन अब इसे एक साल के लिए आगे कर दिया गया है।
सरकार ने इस बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में कोई बदलाव नहीं किया है। साल 2019 के बजट के दौरान से सेक्शन 80EEA के तहत इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर 1.5 लाख रुपए की छूट अलग से मिलती है। जो इस साल भी जारी रहेगी। बजट पेश करते समय निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी के लिए और रियायती दर पर घर मुहैया कराना सरकार का टारगेट है।
सेक्शन 80EEA का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनकी घर की स्टाम्प वैल्यू 45 लाख से कम होगी। होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2021 के बीच लिया गया हो। हालांकि, इस बजट के दौरान इस डेडलाइन को अब साल 2022 तक बढ़ा दिया गया है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता जैसे शहर में घर खरीदने वाले लोगों के लिए कार्पेट एरिया 60 स्क्वॉयर मीटर या 645 स्क्वॉयर फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
Rs 1.5 lakh deduction on payment of interest for affordable housing extended by 1 yr: FM
— Press Trust of India (@PTI_News) February 1, 2021
एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
वहीं सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम का उद्देश्य विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा। यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा। उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने तथा रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया।