राज्यसभा चुनाव में हार के बाद भी मायावती ने कहा- नहीं खत्म होगा सपा-बसपा का साथ, बीजेपी 2019 में भुगतेगी
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 24, 2018 23:25 IST2018-03-24T23:25:12+5:302018-03-24T23:25:12+5:30
मायवती ने कहा कि योगी सरकार किसी भी तरह मेरी हत्या करवाना चाहती है और हमारे आंदोलन को खत्म कर देना चाहती है।

राज्यसभा चुनाव में हार के बाद भी मायावती ने कहा- नहीं खत्म होगा सपा-बसपा का साथ, बीजेपी 2019 में भुगतेगी
लखनऊ, 24 मार्च; बहुजन समाज पार्टी( बसपा) सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा चुनाव में हार के बाद भी समाजवादी पार्टी के संग दोस्ती तोड़ने का मन नहीं बना रही हैं। मायावती ने शनिवार 24 मार्च को राज्यसभा चुनाव में मिली हार को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसीं। मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है।
मायवती ने कहा कि बीजेपी यह हर मुमकिन कोशिश कर रही है कि सपा और बसपा का गठबंधन खत्म हो जाए। इसी वजह से बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में सपा-बसपा में फूट डालने के लिए अतिरिक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारा था। मायावती ने यह साफ कर दिया है कि बसपा उम्मीदवार को हराकर बीजेपी सपा के साथ हुई गठबंधन पर कोइ असर नहीं डाल पाई है।
I would like to tell BJP and company that their malpractices will not succeed in breaking the ties between SP and BSP. Yesterday's results have not affected the SP-BSP tie up in any way, not even by an inch: BSP Chief Mayawati pic.twitter.com/vVKR6TgmZq
— ANI UP (@ANINewsUP) March 24, 2018
मायावती ने आगे कहा कि बीजेपी को इसका भुगतान आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 में करना होगा। बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि योगी सरकार किसी भी तरह मेरी हत्या करवाना चाहती है और हमारे आंदोलन को जड़ से खत्म कर देना चाहती है।
मायावती ने कहा कि राज्यसभा चुनाव से पहले ही सपा-बसपा ने तय कर लिया था कि हम अपने एक-एक उम्मीदवार उतारेंगे। ताकि धन्नासेठों की खरीद-फरोख्त वाली राजनीति को खत्म किया जा सके। लेकिन बीजेपी ने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिया।
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को 9 सीटों पर जीत मिली है और सपा को मात्र एक सीट पर। उत्तर प्रदेश में कुल 10 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी।
कौन जीता
अरुण जेटली (बीजेपी)
अनिल जैन (बीजेपी)
जेवीएल नरसिम्हा राव (बीजेपी)
अशोक वाजपेयी (बीजेपी)
हरनाथ सिंह यादव (बीजेपी)
कांता कर्दम (बीजेपी)
विजयपाल तोमर (बीजेपी)
सकलदीप राजभर (बीजेपी)
अनिल अग्रवाल (बीजेपी)
जया बच्चन (सपा)