लोकसभा में पेश हुआ ट्रिपल तलाक को जुर्म बनाने वाला बिल, इन प्रावधानों पर है 'आपत्तियां'

By आदित्य द्विवेदी | Updated: December 28, 2017 13:06 IST2017-12-28T08:50:30+5:302017-12-28T13:06:31+5:30

‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' पर कुछ कट्टर मुस्लिम संगठनों के साथ कई सियासी दलों को भी ऐतराज है। लेकिन क्यों...?

Bill on Instant Triple Talaq will be present on Parliament today, Why opposition questioning | लोकसभा में पेश हुआ ट्रिपल तलाक को जुर्म बनाने वाला बिल, इन प्रावधानों पर है 'आपत्तियां'

लोकसभा में पेश हुआ ट्रिपल तलाक को जुर्म बनाने वाला बिल, इन प्रावधानों पर है 'आपत्तियां'

Highlightsकेंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस बिल को सुबह सदन में पेश कियाट्रिपल तलाक पर सबसे बड़ी आपत्ति इसको क्रिमिनल एक्ट बनाने को लेकर हैअगस्‍त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक इस बिल में ट्रिपल तलाक को आपराधिक करने के लिए कड़े प्रावधान शामिल किए गए

ट्रिपल तलाक को क्रिमिनल एक्ट बनाने वाला 'द मुस्लिम वीमेल प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस बिल को पेश करते हुए इसे लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है। इसीलिए मुस्लिम संगठनों से इस पर विचार विमर्श करना जरूरी नहीं था।


यह विधेयक कांग्रेस, वाम, बीजेडी और तृणमूल कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों तथा मुस्लिम संगठनों के विरोध के बीच पेश किया गया। बीजेडी के भातृहरि महताब ने कहा कि इस बिल में अंतर्विरोध हैं और सूप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना के खिलाफ है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये बिल मूलभूत अधिकारों का हनन करता है।


ट्रिपल तलाक पर बिल के इन प्रावधानों पर है आपत्तियां

ट्रिपल तलाक पर सबसे बड़ी आपत्ति इसको क्रिमिनल एक्ट बनाने को लेकर है। अभी तक तलाक का मामला सिविल एक्ट के तहत आता है जिसे मौजूदा बिल पेश होने के बाद क्रिमिनल एक्ट बना दिया जाएगा। इसके तहत किसी भी तरह से दिया गया इन्सटैंट ट्रिपल तलाक (बोलकर या लिखकर या ईमेल, एसएमएस, वॉट्सऐप आदि के जरिए) 'गैरकानूनी और अमान्य' होगा और पति को 3 साल तक जेल की सजा हो सकती है।

तमाम मुस्लिम संगठन इस बात पर ऐतराज जता रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार मुस्लिमों के लिए बिल ला रही है लेकिन मुस्लिमों के किसी भी पक्षकार से बात नहीं की।

विपक्षी दलों को ऐतराज है कि बीजेपी इस बिल को लेकर जल्दबाजी में दिख रही है। कांग्रेस और वाम नेता तीन तलाक को अपराध घोषित करने और जेल की सजा देने के प्रावधान के खिलाफ हैं, जबकि कुछ मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शरिया कानून के खिलाफ बताया है। कुछ विपक्षी पार्टियों ने प्रस्तावित बिल को सर्वदलीय संसदीय कमेटी के पास भेजने की मांग की है।

इन प्रावधानों पर मुस्लिम महिलाओं में खुशी

इस बिल से ट्रिपल तलाक पीड़िता अपने और अपने बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांग सकती है और उसके लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकती है। ट्रिपल तलाक के खिलाफ यह ड्राफ्ट बिल जम्मू कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू होगा।

किसी भी तरह का ट्रिपल तलाक गैरकानूनी होगा यानि बोलकर, लिखकर, ई मेल के जरिए दिए गए तलाक को गैरकानूनी माना जाएगा। ट्रिपल तलाक यानि तीन तलाक के खिलाफ इस ड्राफ्ट बिल में तुरंत ट्रिपल तलाक देने के दोषियों को तीन साल तक की सजा और जुर्माना लगाने का प्रस्‍ताव शामिल है। ये एक गैर जमानती अपराध माना जाएगा।

ट्रिपल तलाक पर बिल से जुड़ी जरूरी बातें-

- राजनाथ सिंह के अध्‍यक्षता में बनी मंत्री समूह ने लंबी चर्चा के बाद ट्रिपल तलाक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है।

- अगस्‍त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक इस बिल में ट्रिपल तलाक को आपराधिक करने के लिए कड़े प्रावधान शामिल किए गए।

- मसौदे को 1 दिसंबर को राज्यों को विचार के लिए भेजा गया था और उनसे 10 दिसंबर तक जवाब मांगा गया था।

- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने प्रस्तावित बिल को महिला विरोधी बताते हुए खारिज कर दिया है। 

Web Title: Bill on Instant Triple Talaq will be present on Parliament today, Why opposition questioning

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