बिहार: नीतीश कुमार के बयान पर राजद का पलटवार, कहा- बिहार में जंगलराज नहीं महाजंगलराज है
By एस पी सिन्हा | Published: June 10, 2020 09:34 PM2020-06-10T21:34:43+5:302020-06-10T21:40:44+5:30
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि जंगलराज का माला जपकर ही जदयू-भाजपा बिहार के सत्ता तक पहुंची. लेकिन पिछले 10 साल के शासनकाल में बिहार की स्थिति जंगलराज नहीं महाजंगलराज जैसी है.
पटना: बिहार में चुनावी बयानों ने अब गति पकड़ ली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लालू परिवार पर हमलावर रूख के बाद अब राजद ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजद की ओर से मोर्चा संभालते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने आरोप लगाया कि देश में बिहार को बदनाम करने वाले आज सत्तासीन है. उन्होंने कहा कि अगर लालू-राबड़ी का शासनकाल जंगलराज था तो वर्तमान सरकार के राज में महा जंगलराज है. इस बात को हाईकोर्ट ने भी माना है.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार बार-बार राजद के शासनकाल को जंगलराज कहती है. जंगलराज का माला जपकर ही जदयू-भाजपा बिहार के सत्ता तक पहुंची. लेकिन पिछले 10 साल के शासनकाल में बिहार की जो स्थिति हो गई है. वह जगंलराज नहीं महाजगंलराज है. जगदानंद सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश को चुनौती देते हुए कहा कि 15 साल बनाम 15 साल के मुद्दे पर बहस करने को वे तैयार हैं. हरेक मुद्दे पर वे जदयू को जवाब देंगे.
बिहार को बदनाम करने वाले कुर्सी पर बैठे हैं: राजद
बिहार राजद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश में बिहार को बदनाम करने वाले कुर्सी पर बैठे हैं और वह युवकों को भरमा रहे हैं. हमने शांत बिहार उनको दिया था. लेकिन आज अपराध बढे हैं. मुख्यमंत्री मीडिया के सामने या जनता के सामने जहां बहस करें हम तैयार हैं.
आज राजधानी पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जगदानन्द सिंह ने कहा है कि पटना हाईकोर्ट का भी मानना है कि नीतीश के शासनकाल में अपराध बढा है. मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा चाहता हूं कि अगर उनमें हिम्मत हो तो बताए की अगर जंगल राज वो था, पर वर्ष 2005 से अबतक बिहार में अपराध को जो आंकडे बता रहे है राज्य में अपराध में बेतहासा वृद्धि हुई है वह क्या है?
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि लॉक डाउन के पहले से 15 साल बनाम 15 की बात चल रही थी तब नीतीश कुमार पीछे भाग रहे थे. अब जदयू ने फिर से बहस छेडी है अब वो नौजवानों को बताने की बात कह रहे हैं, तो पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ये बताएं- क्या तब बजार बंद हो जाते थे? क्या बस और ट्रेन नहीं चलती थीं? प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे पास वर्ष 2005 से लेकर अबतक के बिहार में हुए अपराधों का पूरा आंकडा मौजूद है.
नीतीश कुमार के शासनकाल में अपराध तेजी से बढ़ा-
अगर मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो वे मेरे आंकड़े को झूठा साबित करें. जगदानंद सिंह ने कहा कि प्रदेश में 1990 से 2005 तक अपराध की घटनाएं देखें तो प्रति एक लाख पर अपराध की घटनाएं कम हुई. लेकिन, 2005 के बाद नीतीश कुमार के शासनकाल में अपराध तेजी से बढ़ा है. यह हम नहीं कह रहे हैं. यह प्रदेश में अपराध के जो सरकारी आंकडे हैं वे कह रहे हैं. अगर हिम्मत है तो मेरे दस्तावेज को चुनौती दीजिए, फिर मेरे सामने आइए. उन्होंने कहा कि नीतीश जी आपने अपराध को 80 प्रतिशत पर पहुंचा दिया फिर भी जनता को बरगला रहे हैं. मुख्यमंत्री तो आप ही है, फिर इसका जिम्मेवार कौन हुआ?
उन्होंने कहा कि बिहार के नौजवानों नीतीश कुमार इस बिहार को बर्बाद कर दिया और इस बार का कोरोना उनको नंगा कर दिया. अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा मजदूरों को लाओ. हमारे नेता तेजस्वी यादव ने तो पहले ही कहा था कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जाए, लेकिन नीतीश कुमार लॉकडाउन का हवाला देते रहे. जगदानंद सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार से बिहार नहीं संभलेगा. तेजस्वी को लाना ही होगा. जगदानंद सिंह ने कहा कि इस समय बिहार में सबसे ज्यादा अपराध है. अब गोपालगंज में नरसंहार भी हुआ है. बिहार राजद के हाथ मे आएगा, तो 1990 से 2005 में जैसे था, वैसा कर देंगे. उन्होनें कहा कि 2004 के बाद बिहार में अपराध बढने लगा. 2012 में अपराध एक लाख आबादी पर 147 हो गया. 2004 में एक लाख पर संगेय अपराध 108 थे. 2019 में ये आंकडा 222 तक पहुंच गया. देश में एक लाख की आबादी पर संज्ञेय अपराध 3 सौ से ज्यादा है.
शराबबंदी जदयू का नहीं राजद का कार्यक्रम
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शराबबंदी जदयू का नहीं राजद का कार्यक्रम है. हम शराबबंदी के नहीं, शराब बिकवानेवालों का विरोध कर रहे हैं. उन्होनें कहा कि मैं हर बिंदु पर बहस करने के लिए तैयार हूं. बिहार को नीतीश कुमार ने पूरी तरह बर्बाद करके रख दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार में महाजंगल राज की बात कही है. तेजस्वी यादव जो कह रहे थे, वही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है. जगदानंद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के 2018 के आंकडों के मुताबिक पूरे भारत में प्रति एक लाख आबादी पर संज्ञेय अपराध के औसतन 383.5 मामले दर्ज किये गये. जबकि बिहार में इससे काफी कम 222.1 मामले दर्ज किये गये. संज्ञेय अपराध के मामले में बिहार देश में 23वें स्थान पर है.
यहा बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद और राबडी देवी पर निशाना साधते हुए कहा है कि पंद्रह साल पहले पति-पत्नी के शासनकाल में कुछ जिलों में बाहुबलियों की समानांतर सरकारें चलती थीं. लूटपाट, हत्या, अपहरण और नरसंहार का बोलबाला था. लोग शाम होने पर घर से निकलने में डरते थे. लेकिन आज पूरे बिहार में कानून का शासन है. हम न तो किसी को फंसाते हैं और न ही किसी को बचाते हैं.