पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और धुआंधार प्रचार हो रहा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रोहतास जिले में चुनावी जनसभा को संबोधित किया है। उन्होंने कहा है, 'जब मैं बिहार आता हूं, तो मुझे लगता है जैसे मैं अपने घर आया हूं। मैंने राजेन्द्र प्रसाद जी की अंत्येष्टि भी देखी है और जयप्रकाश नारायण जी के आंदोलन का साक्षी भी रहा हूं। मैं जब भी बिहार आता हूं तो प्रेरणा से ओत-प्रोत हो जाता हूं।'
उन्होंने विपक्षियों पर हमला बोलते हुए कहा, 'राजनीति में भाषण देना बहुत आसान होता है, नारे लगाने बहुत आसान होते हैं, लेकिन गरीब जनता की सेवा करना यह वही कर सकता है जिसका 56 इंच का सीना होता है।' नड्डा ने कहा कि चुनाव में बड़े-बड़े वादे करके लोगों को लुभाया जाता है, कई बार तो जनता पशोपेश में पड़ जाती है कि वोट किसे दें। कभी भी वोट इस आधार पर मत दीजिए कि वो प्रत्याशी और उसकी पार्टी आगे चलकर क्या करेगी। वोट इस आधार पर देना चाहिए कि प्रत्याशी ने और उसकी पार्टी ने अब तक क्या किया है।
जेपी नड्डा ने कहा, जाति, मजहब और वोटबैंक की राजनीति देश की संस्कृति बनी हुई थी। मोदी जी के आने के बाद देश ने एक नया सपना देखा और भारत को महान बनाते हुए दुनिया में आगे खड़ा करने का काम मोदी जी के नेतृत्व में हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बिहार के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की घोषणा 2015 में की थी। 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये तो खर्च किए ही गए हैं, साथ ही मोदी जी ने 40 हजार करोड़ रुपये और भी बिहार के विकास के लिए दिए हैं।'
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में लोग डरे हुए थे, लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी थी। मोदी जी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मार्च से लेकर छठ व दीवाली तक 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो दाल मुफ्त देने की व्यवस्था की। सही मायने में किसानों को आजादी नरेन्द्र मोदी जी ने दी है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराया गया। फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी किसान को देने का फैसला मोदी सरकार ने ही किया।