पटनाः बिहार में लॉकडाउन के बीच कोरोना का संकट कम होता नजर नहीं आ रहा है. बेकाबू हो चुके कोरोना के बीच स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 23 जुलाई को जारी अपडेट के मुताबिक राज्य में एक साथ 1625 मामलों की पुष्टि हुई है.
इस तरह से राज्य में कोरोना बेकाबू हो गया है. सरकार के तमाम दावे फेल साबित हो गए हैं और आंकड़ा 31691 पर पहुंच गया है. काफी जद्दोजहद के बाद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की नींद टूट गई है. काफी समय बाद सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बिहार के सबसे बडे कोविड-19 अस्पताल एमएमसीएच पहुंचे और हालात का जायजा लिया.
मंगल पांडेय उसी अस्पताल पहुंचे जिसकी व्यवस्था को लेकर पिछले कई दिनों से सवाल खडे़ किए जा रहे हैं. साढे़ 3 महीने के बात कोरोना काल में पहली बार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मरीजों का हालचाल जानने निकले. पीपीई किट से लैस होकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे आज एनएमसीएच पहुंचे.
कोविड-19 आईसीयू में पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना
वहां उन्होंने कोविड-19 आईसीयू में पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना. साथ ही साथ अस्पताल प्रबंधन से भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जानकारी ली. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने रोस्टर के मुताबिक के डॉक्टरों की ड्यूटी के बारे में पूरी रिपोर्ट ली है. उन्होंने अगले 2 से 3 दिनों में नया हेल्पडेस्क बनाए जाने का निर्देश भी दिया है.
मंगल पांडे ने एनएमसीएच का निरीक्षण करने के दौरान कहा कि अस्पताल सुपरिटेंडेंट उन्होंने मरीजों की शिकायत दूर करने का निर्देश दिया है. एनएमसीएच से लगातार मिल रही शिकायतों के बीच मंगल पांडे ने कहा है कि अब किसी भी मरीज की मृत्यु होने के 2 से 3 घंटे के अंदर उनके परिजनों के सहयोग से अंत्येष्टि कर दी जाएगी. साथ ही साथ अस्पताल में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति जारी रहे इसका भी निर्देश दिया गया है.
कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनकी शव पडे़ रहने की शिकायतें मिल रही थीं
यहां बता दें कि एनएमसीएच में लगातार कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनकी शव पडे़ रहने की शिकायतें मिल रही थीं. कई तरह के वीडियो भी वायरल हुए थे. लगातार सरकार की फजीहत हो रही थी और इन तमाम चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य मंत्री आज एक्शन में दिखे.
यही नहीं पहली बार सत्ताधारी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तक कोरोना मरीजों का हाल-चाल जानने निकले थे. खुद कोरोना संक्रमण से ठीक होकर वापस लौटे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने आज सबसे पहला कदम उठाते हुए बेतिया स्थिति जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया.
पीपीई किट पहनकर संजय जायसवाल कोरोना वार्ड में जा पहुंचे और मरीजों का हालचाल जाना
पीपीई किट पहनकर संजय जायसवाल कोरोना वार्ड में जा पहुंचे और मरीजों का हालचाल जाना. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी जानकारी अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी. डा. संजय जयसवाल खुद एक चिकित्सक हैं और कोरोना काल में उन्होंने इसके पहले भी मरीजों का इलाज किया है. लेकिन कोरोना मरीजों के साथ मुलाकात और उनका हालचाल जानने का उनके लिए यह पहला अनुभव था.
संजय जायसवाल पिछले दिनों पटना एम्स में भर्ती थे जहां उनका इलाज किया गया. कोरोना नेगेटिव होकर निकले तो पार्टी के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुडे और इसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने कोरोना को लेकर योद्धा की तरह लडने की बात कही थी.
तब संजय जायसवाल ने जो कुछ कहा था कि उनका संकेत पार्टी के ज्यादातर नेता नहीं समझ पाए थे. लेकिन अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने खुद कोरोना वार्ड का निरीक्षण कर मरीजों से मुलाकात करके एक मिसाल पेश की है. बिहार में किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता संजय जायसवाल से पहले कोरोना मरीजों का हालचाल जानने कोविड वार्ड में नहीं पहुंचा है.