राज्यसभा उपसभापतिः JDU के हरिवंश के सामने RJD के मनोज झा, सीएम नीतीश ने नवीन पटनायक से समर्थन मांगा, जानिए आंकड़े
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 10, 2020 15:40 IST2020-09-10T15:40:25+5:302020-09-10T15:40:25+5:30
राज्यसभा सदस्य के रूप में हरिवंश का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में पूरा हो गया था जिसके चलते चुनाव की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने 2018 में उपसभापति पद के चुनाव में कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद को हराया था।

NDA की ओर से हरिवंश नारायण सिंह पहले ही बतौर उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
भुवनेश्वर/पटना/नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को फोन कर राज्यसभा उपसभापति पद के लिए राजग के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह के लिए बीजू जनता दल (बीजद) का समर्थन मांगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
हरिवंश जनता दल (यू) से सांसद हैं और उन्होंने बुधवार को नामांकन-पत्र भरा। नीतीश कुमार ने पटनायक से अनुरोध किया कि बीजद हरिवंश नारायण सिंह का समर्थन करे। मुख्यमंत्री आवास ‘नवीन निवास’ के एक सूत्र ने यह बताया। बीजद ने पिछले चुनाव में भी हरिवंश का समर्थन किया था। संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक है।
उपसभापति पद का चुनाव सत्र के पहले ही दिन होने की संभावना
उपसभापति पद का चुनाव सत्र के पहले ही दिन होने की संभावना है। नामांकन प्रक्रिया सात सितंबर से शुरू हुई है तथा 11 सितंबर तक चलेगी। राज्यसभा सदस्य के रूप में हरिवंश का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में पूरा हो गया था जिसके चलते चुनाव की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने 2018 में उपसभापति पद के चुनाव में कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद को हराया था।
भाजपा को 140 सांसदों का समर्थन मिलने की उम्मीद है तथा हरिवंश के फिर से चुने जाने के आसार हैं।राज्य सभा में उपसभापति पद को लेकर चुनाव दिलचस्प हो गया है। विपक्ष की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मनोज झा को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, NDA की ओर से हरिवंश नारायण सिंह पहले ही बतौर उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
मनोज झा मूल रूप से बिहार के हैं और सहरसा क्षेत्र से आते हैं और साल 2018 से राज्यसभा के सांसद हैं। वहीं हरिवंश नारायण सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से हैं। हालांकि, उनका जन्म बिहार के छपरा जिले के सिताब दियारा में हुआ था।
Bihar CM & JD (U) Supremo Nitish Kumar spoke to Odisha CM & Biju Janata Dal (BJD) President Naveen Patnaik today, requesting to extend his support to Harivansh Narayan Singh for the post of Rajya Sabha Deputy Chairman: BJD pic.twitter.com/JytKUAjOz0
— ANI (@ANI) September 10, 2020
हरिवंश ने राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए नामांकन दाखिल किया था
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता और सांसद हरिवंश ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार के रूप में बुधवार को राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। विपक्षी दल उनके विरुद्ध एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। यदि ऐसा होता है तो भी आंकड़ें हरिवंश के पक्ष में हैं और उनके जीतने की संभावना अधिक है।
245-सदस्यीय राज्यसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के सदस्यों की संख्या 116 है। वर्तमान में उच्च सदन की सदस्य संख्या 244 है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास जताया है कि वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजद) जैसे गैर-राजग दल हरिवंश का समर्थन करेंगे। राज्यसभा में वाईएसआर कांग्रेस के नौ, टीआरएस के छह और बीजद के सात सदस्य हैं। भाजपा रणनीतिकारों का अनुमान है कि हरिवंश को करीब 140 सदस्यों का साथ मिल सकता है।
राज्यसभा के नेता थावरचंद गहलोत और राजग की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल की उपस्थिति में हरिवंश ने अपना नामांकन भरा। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री तथा लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान हरिवंश के प्रस्तावकों में हैं। कोविड-19 महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितम्बर से आरंभ होने वाला है जो एक अक्टूबर तक चलेगा। सत्र के पहले दिन राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव हो सकता है। नामांकन की प्रक्रिया सात सितम्बर को आरंभ हुई थी।
नामांकन की आखिरी तारीख 11 सितम्बर है। हरिवंश पहले भी राज्यसभा के उपसभापति रह चुके हैं। राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल इसी साल समाप्त होने के बाद यह पद खाली हुआ था। एक बार फिर वह जद(यू) के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के सदस्य बने हैं। साल 2018 में राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए हुए चुनाव में हरिवंश ने कांग्रेस के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद को आसानी से पराजित किया था। इस चुनाव में हरिवंश को 125 मत मिले थे जबकि प्रसाद को 105 मतों से संतोष करना पड़ा था। साल 2018 के मुकाबले राज्यसभा में भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है जबकि विपक्ष की ताकत कमजोर हुई है और उसका संख्या बल भी कम हुआ है।