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बिहार: बीजेपी में नहीं थम रहे बगावत के सुर! विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने पैसे लेकर मंत्री बनाये जाने का लगाया आरोप

By एस पी सिन्हा | Updated: February 11, 2021 18:30 IST

बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने आरोप लगाया है कि कुछ चुनिंदा नेता बिहार में पार्टी को चला रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो पार्टी के साथ वही होगा जो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ।

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ठळक मुद्देबिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी के लिए बढ़ गई है मुसीबत, विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू नाराजज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने आरोप लगाया है कि विधायकों से पैसे लेकर उन्हें मंत्री बनाया हैज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा है कि वे सभी सबूतों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अमित शाह और जेपी नड्डा से भी मिलेंगे

पटना: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में बगावत के सुर लगातार सामने आ रहे हैं. बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने अब आर-पार की लडाई ठान दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बिहार भाजपा को चला रहे नेताओं ने विधायकों से पैसे लेकर उन्हें मंत्री बनाया है. 

ज्ञानेंद्र सिंह का आरोप है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी जाति के लोगों को मंत्री बनवाया है. मंत्रिमंडल विस्तार पर बिफरे विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा है कि वे सारे सबूतों के साथ प्रधानमंत्री से मिलेंगे और उन्हें बिहार भाजपा में चल रहे खेल से अवगत करायेंगे. 

मंत्रिमंडल विस्तार पर ज्ञानेंद्र सिंह की चेतावनी

ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने चेताया है कि भाजपा को यह महंगा पडेगा. उन्होंने पार्टी के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि कुछ चुनिंदा नेता बिहार में पार्टी को चला रहे हैं और यहां आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसा हाल हो जाएगा. 

ज्ञानू ने कहा कि उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को फोन कर ये पूछा था कि आखिरकार किस आधार पर नये मंत्रियों को चुना गया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने ज्ञानू को बताया कि नीतीश कुमार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करना चाहते थे. इसलिए ज्ञानू मंत्री नहीं बनाये गये. 

ज्ञानू ने कहा कि ये हैरान करने देने वाली बात है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ अपनी बिरादरी के लोग ही नजर आते हैं. मोतिहारी-बेतिया में अपनी जात के लोग को क्यों मंत्री बनाएं हैं? क्या हम उस लायक भी नहीं हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा कोटे के 57 प्रतिशत मंत्री आरोपी हैं, गंभीर मामलों में संलिप्त हैं. 

ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा- 'बिहार में बीजेपी को बचाना मेरा लक्ष्य'

विधायक ज्ञानू ने कहा कि अगर प्रदेश अध्यक्ष की बात कोई नहीं मानता है तो वह इस्तीफा कर दें. उन्होंने कहा कि वे बिहार में भाजपा को बचाना चाहते हैं. इसलिए वे प्रधानमंत्री से मिलकर सारी बातों से उन्हें अवगत करायेंगे. 

उन्होंने कहा कि वह अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड़्डा से भी मिलेंगे और उन्हें भी सारी चीजों की जानकारी देंगे. पार्टी अगर इसी तरह चलेगी तो उसका डूबना तय है. भाजपा का मूल वोट बैंक सवर्ण तबका रहा है, लेकिन दो-दो उप मुख्यमंत्री बनाये गये और उनमें से एक भी सवर्ण नहीं है. 

उन्होंने कहा है कि हमारे साथ और भी कई विधायक हैं. कल सबलोगों से मुलाकात भी हुई है. वे काफी गुस्से में हैं. 

ज्ञानेंद्र सिंह के आरोपों पर संजय जयसवाल की सफाई

वहीं, विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के गंभीर आरोपों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सफाई देते हुए कहा कि बिहार में भाजपा के 74 विधायक हैं. सबको मंत्री बनाना संभव नहीं है. हर विधायक मंत्री बनना चाहता है. लेकिन सब की इच्छा पूरी कर पानी पार्टी के लिए मुमकिन नहीं है. 

उन्होंने कहा कि ये मामला परिवार के अंदर का मामला है. इसलिए इसे तूल नहीं देना चाहिये. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री किसी एक व्यक्ति को ही बनाया जा सकता है. 

उन्होंने कहा कि हर किसी की इच्छा और आकांक्षा होती है मंत्री बनने की. इसलिए इस पर किसी को नाराजगी जाहिर नहीं किया जाना चाहिए. संजय जायसवाल ने कहा कि हम लोग सब एक हैं एक ही परिवार के हैं. परिवार में भी थोड़ा- मोड़ा इधर उधर होता है. इसी में मिलाजुला कर चलना पडता है.

ज्ञानेंद्र सिंह ने क्या लगाए हैं आरोप 

बता दें कि नीतीश कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज भाजपा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कैबिनेट में जिन चेहरों को शामिल किया गया है, उससे क्षेत्रीय और सामाजिक समानता जाहिर नहीं हो रही. 

उन्होंने कहा था कि कैबिनेट में ऐसे अनुभवहीन चेहरों को शामिल किया जा रहा है, जिनके पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है. बिहार कैबिनेट में कभी सुशील कुमार मोदी शामिल हुआ करते थे, उनके अनुभव और नेतृत्व में पार्टी के दूसरे मंत्री सरकार के कामकाज को बखूबी चलाते थे. लेकिन आज सुशील मोदी भी कैबिनेट में शामिल नही हैं.

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