बिहार विधानसभा चुनावः कांग्रेस ने बनाई स्क्रीनिंग कमेटी, अविनाश पांडे होंगे अध्यक्ष, देवेंद्र यादव और काजी निजामुद्दीन सदस्य
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 26, 2020 20:44 IST2020-08-26T20:32:21+5:302020-08-26T20:44:22+5:30
बिहार में चुनावी बिगुल बजने वाला है। हर दल तैयारी में जुट गए हैं। एनडीए के नेता डिजिटल रैली कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस भी चुनावी मोड में है। बुधवार को स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जिसकी अध्यक्षता पार्टी के पूर्व महासचिव अविनाश पांडे करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित है। (file photo)
नई दिल्लीः कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जिसकी अध्यक्षता पार्टी के पूर्व महासचिव अविनाश पांडे करेंगे।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, देवेंद्र यादव और काजी निजामुद्दीन को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस के बिहार मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता सदानंद सिंह इस समिति में पदेन सदस्य होंगे।
स्क्रीनिंग कमेटी चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजती है जिसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची पर मुहर लगती है। बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित है।
कांग्रेस ने अध्यादेशों पर रुख तय करने के लिए बनाई पांच सदस्यीय समिति
कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने के लिए बुधवार को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित इस समिति के संयोजक जयराम रमेश होंगे।
रमेश के अलावा वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को समिति का सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई और डॉक्टर अमर सिंह भी इस समिति में शामिल होंगे। वेणुगोपाल ने कहा कि यह समिति केंद्र की ओर से जारी प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने का काम करेगी।
अगले सप्ताह से नेताओं से फीडबैक लेना आरंभ करेगी कांग्रेस की राजस्थान मामले की समिति
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं उनके समर्थक विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के निदान के लिए बनी पार्टी की तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को बैठक की और फैसला किया कि अगले सप्ताह से विभिन्न नेताओं एवं पार्टी पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा। इस समिति में वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के लिए महासचिव प्रभारी अजय माकन शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस समिति की आज पहली बैठक हुई और फैसला हुआ कि अगले सप्ताह से विभिन्न नेताओं एवं पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा और नाराज नेताओं का पक्ष भी सुना जाएगा। माकन आगामी रविवार को जयपुर पहुंचेंगे और पहले वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में कहा कि माकन पार्टी के संभागीय और जिला स्तरीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे।
उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने फीडबैक लेने के बाद पार्टी की नई राज्य इकाई की कार्यकारणी के गठन पर निर्णय किया जायेगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पार्टी नेता सचिन पायलट को पीसीसी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में माकन को प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया गया था। कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी के रूप में उनकी यह पहली राजस्थान यात्रा होगी।
जेईई और नीट की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग को लेकर युवा कांग्रेस ने प्रदर्शन किया
कांग्रेस की युवा इकाई ने मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव के मुताबिक, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के निर्देश पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रभारी हरीश पवार के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में दिल्ली युवा कांग्रेस की सह प्रभारी खुशबू शर्मा एवं दिल्ली प्रदेश इकाई के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
श्रीनिवास ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 महामारी विकराल रूप ले चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री, कुछ अन्य केंद्रीय मंत्री और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री इससे संक्रमित हो चुके हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार का जेईई और नीट परीक्षाओं को स्थगित न करना समझ से परे है। हमारी मांग है कि छात्र हित में केंद्र सरकार को इन परीक्षाओं को स्थगित करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि लाखों छात्रों के जीवन को खतरे में डालकर परीक्षा लेना गैर जरूरी कदम है।