Bihar Assembly election 2020: आयोग की 9 सदस्यीय टीम बिहार में, राजद ने कहा-अधिकारी JDU के लिए काम कर रहे
By एस पी सिन्हा | Published: September 30, 2020 04:17 PM2020-09-30T16:17:05+5:302020-09-30T16:17:05+5:30
बैठक में जदयू की तरफ से अशोक चौधरी, ललन सिंह, संजय झा मौजूद रहे. वहीं राजद की तरफ से सांसद मनोज झा, चितरंजन गगन शामिल हुए. इसके अलावे लोजपा, कांग्रेस समेत अन्य दल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की पूरी समीक्षा करने के लिए निर्वाचन आयोग की 9 सदस्यीय टीम बिहार आई हुई है. आयोग की टीम ने आज बिहार की विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनसे अहम सुझाव लिए, आयोग से मिलने वालों में एनडीए और महागठबंधन के साझीदार समेत अन्य दल भी शामिल थे.
इस बैठक में जदयू की तरफ से अशोक चौधरी, ललन सिंह, संजय झा मौजूद रहे. वहीं राजद की तरफ से सांसद मनोज झा, चितरंजन गगन शामिल हुए. इसके अलावे लोजपा, कांग्रेस समेत अन्य दल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. राजद ने चुनाव आयोग से अधिकारियों पर नजर रखने की मांग की. राजद और कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग किया कि कई अधिकारियों के व्यक्तिगत संबंध सत्ताधारी दल के नेताओं से हैं, ऐसे में उन सारे अधिकारियों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है ताकि निष्पक्षता हो सके.
मनोज झा ने मतदान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक 12 घंटे करने की मांग की
आयोग के साथ हुई बैठक में राजद की तरफ से शामिल हुए सांसद मनोज झा ने मतदान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक 12 घंटे करने की मांग की. राजद सांसद मनोज झा ने मांग किया कि इस विधानसभा चुनाव में कई अधिकारी सीधे तौर पर जदयू नेता से जुड़े हैं. साथ ही यह भी मांग किया कि प्रचार के दौरान अधिक भीड़ पहुंचने पर पार्टियों पर मुकदमा दर्ज अगर होता है तो यह ठीक नहीं होगा.
चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर गहरी नजर रखी जाए ताकि चुनाव में दुष्प्रचार और सांप्रदायिकता भड़काने से रोका जा सके. राजद के प्रतिनिधि मंडल ने आयोग से मतदाताओं का बीमा कराने, 700 की आबादी पर बूथ बनाने और जन सम्पर्क के दौरान स्वतः स्फूर्त भीड़ को लेकर दिशा निर्देश देने की मांग की.
आयोग की टीम के सामने राजद की ओर से 19 सूत्री मांग पत्र चुनाव आयोग को सौंपा गया है, जिसमें कई बड़ी मांगे रखी गई हैं. राजद की ओर से यह भी अपील की गई है कि कोरोना काल में मतदान के दौरान अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो जाये तो सरकार उसकी इलाज की व्यवस्था करे. मतदान पर्ची के साथ-साथ सभी मतदाताओं को मास्क भी वितरित कराया जाये.
एससी/एसटी और कमजोर वर्ग के मतदाताओं का मतदान सुनिश्चित किया जाये
19 सूत्री मांग में राजद ने कहा है कि एससी/एसटी और कमजोर वर्ग के मतदाताओं का मतदान सुनिश्चित किया जाये. अगर इनकी संख्या कम भी हो तो इनके लिए अलग से मैदान केंद्र बनाया जाये. संवेदनशील बूथ पर अर्धसैनिक बल की टुकड़ियां तैनात की जाएं. मतदान केंद्र पर पोलिंग एजेंट और मतदान कर्मियों के लिए पेयजल और नाश्ता का प्रबंध कराया जाये.
मतदान केंद्रों पर सभी पोलिंग एजेंटों की सुविधा सुनिश्चित की जाये. दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता के लिए बूथ तक आने के लिए वाहन और मतदान सहयोगी की व्यवस्था की जाये. इसके अलावा हर इ बूथ पर एम्बुलेंस और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाये. वहीं, इस दौरान जदयू की तरफ से तीन मांगे रखी गई.
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि चुनावी सभाओं में सीमित भीड़ को लेकर राजनीतिक पार्टियों में संशय है. जहां पर सभा होनी है वहां अगर ज्यादा भीड़ हो जाती है तो उसे कैसे रोका जाएगा, वहीं दूसरी मांग यह थी 80 साल से ज्यादा बुजुर्गों को बैलेट पेपर से चुनाव के लिए 12डी का फॉर्म भरना है.
चुनाव आयोग के कर्मचारी खुद घर जाकर बुजुर्गों से ये फार्म भरवाए
जदयू ने मांग करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के कर्मचारी खुद घर जाकर बुजुर्गों से ये फार्म भरवाए जिससे अधिक से अधिक बुजुर्ग वोट डाल पाए. एक और सुझाव दिया गया है कि समय पर पर्चा बीएओ के पास पहुंचा दिया जाए. जिससे मतदाताओं को परेशानी न हो.
जबकि रालोसपा ने अतिसंवेदनशील बूथों पर कमजोर वर्ग के वोटरों का मुद्दा उठाया और कहा कि बूथों पर कमजूर वर्ग के वोटरों को कोई परेशानी मत हो. सबको सुरक्षित वोट दिलाया जाए. वहीं, लोजपा ने कहा कि जिस तरह से पंचायत में चुनाव होता है उसी तरह से बूथ बनाया जाए. 1 हजार पर बूथ बनाने से वोटिंग कम हुआ है.
इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि 30 हजार बूथ बढ़ गया है. बाढ़ वाले एरिया को लेकर लोजपा ने कहा कि बूथों की संख्या बढायी जाए. लोजपा ने 500 मतदाताओं पर बूथ बनाने, बाढ प्रभावित इलाकों में बूथों तक परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने और पारा मिलिट्री की सुरक्षा प्रदान करने की मांग की.
वहीं, भाजपा के पूर्व सांसद जनक चमार के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि आयोग से गरीबों को मतदान की सुविधा सुनिश्चित करने, बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव का परिचालन मतदान के 24 घंटे पूर्व बंद करने की मांग रखी. नदी तट वाले इलाकों में नाव से गरीबों के बीच जाकर विरोधियों के द्वारा डराया-धमकाया जाता है. उन्होंने बताया कि आयोग ने आश्वासन दिया कि पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध करायी जाएगी.