मायावती ने भीमराव अंबेडकर को बनाया राज्यसभा का उम्मीदवार, जानें पूरा गणित

By आदित्य द्विवेदी | Updated: March 7, 2018 09:32 IST2018-03-07T09:19:08+5:302018-03-07T09:32:34+5:30

कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि मायावती खुद राज्यसभा जा सकती हैं या फिर अपने भाई आनंद कुमार को राज्यसभा का उम्मीदवार बना सकती हैं। 

Bhimrao Ambedkar is BSP candidate for rajya sabha, all you need to know | मायावती ने भीमराव अंबेडकर को बनाया राज्यसभा का उम्मीदवार, जानें पूरा गणित

मायावती ने भीमराव अंबेडकर को बनाया राज्यसभा का उम्मीदवार, जानें पूरा गणित

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार देर रात उत्तर प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार के लिए प्रत्याशी के उम्मीदवार का ऐलान कर दिया। पार्टी की बैठक में पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि मायावती खुद राज्यसभा जा सकती हैं या फिर अपने भाई आनंद कुमार को राज्यसभा का उम्मीदवार बना सकती हैं। 

मायावती ने मंगलार देर रात जारी बयान में कहा, "उन्होंने तमाम आग्रह व अनुरोध के बावजूद स्वयं चौथी बार राज्यसभा में चुनकर जाने के बजाय पार्टी के पुराने व समर्पित पूर्व विधायक अंबेडकर को प्रत्याशी बनाने का फैसला किया है।" गौरतलब है कि मायावती ने इस बैठक में राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव की तैयारियों को लेकर जरूरी दिशानिर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को बेनकाब करने के लिए उन्होंने राज्यसभा में स्वयं जाने के बजाय सीधे मैदान में डटे रहना बेहतर समझा है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन करने का फैसला किया है। रविवार को दोनों लोकसभा क्षेत्र के बसपा जोनल को-आर्डिनेटर ने सपा प्रत्याशी को समर्थन करने की घोषणा की। बसपा का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी को हराने के लिए यह फैसला किया गया है लेकिन असली वजह कुछ और ही जान पड़ती है।

बसपा प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने के लिए उन्हें अतिरिक्त विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक राज्यसभा सीट के एवज में मायावती ने 23 साल पुरानी प्रतिद्वंदिता को भुला दिया? क्या मायावती के सामने पार्टी का अस्तित्व बचाने का संकट पैदा हो गया है?

राज्यसभा का पूरा गणित

उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीट में से सपा के पास 47, बसपा के पास 19, कांग्रेस के पास 7 और रालोद के पास 1 विधायक हैं। यानी पूरे विपक्ष के पास कुल 74 विधायक हैं। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा जाने के लिए किसी भी प्रत्याशी को पहली वरीयता के 37 मतों की आवश्यकता होती है। सपा एक प्रत्याशी को राज्यसभा आसानी से भेज सकती है। उसके बावजूद 10 विधायक अतिरिक्त बचेंगे। इन बचे हुए विधायकों का मत मायावती अपने प्रत्याशी के लिए चाहती हैं। इसके अलावा कांग्रेस और रालोद भी समर्थन कर देंगे तो बसपा का एक प्रत्याशी भी राज्यसभा में पहुंच जाएगा।

सपा-कांग्रेस-रालोद क्यों करेंगे बसपा का समर्थन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राज्यसभा में सपा अपने अतिरिक्त विधायकों का मत बसपा प्रत्याशी को देगी। उसके बदले बसपा विधान परिषद चुनाव में सपा प्रत्याशी को समर्थन देगी। कांग्रेस यूपी में अपने विधायकों के वोट बसपा प्रत्याशी को दिलाएगी। इसके एवज में मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बसपा कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

*IANS इनपुट्स

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