Madhya Pradesh Floor Test: ''सत्ता की भूख में चूर भाजपा ने भतीजे की मौत पर विधायक को नहीं जाने दिया.. बनाए रखा बंधक'', कांग्रेस नेता ने लगाए बड़े आरोप
By गुणातीत ओझा | Published: March 20, 2020 11:38 AM2020-03-20T11:38:09+5:302020-03-20T11:38:09+5:30
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद दोनों पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। इस जुबानी जंग में कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने भाजपा पर सत्ता की भूख में चूर होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता पर काबिज होने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग नहीं बल्कि एलिफेंट ट्रेडिंग कर रही है।
Madhya Pradesh Floor Test: मध्यप्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच कमलनाथ सरकार की आज अग्निपरीक्षा होनी है। फ्लोर टेस्ट के बाद तय हो जाएगा कि राज्य में कमल खिलेगा या कमलनाथ अपनी सरकार जारी रख पाएंगे। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद दोनों पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। इस जुबानी जंग में कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने भाजपा पर सत्ता की भूख में चूर होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता पर काबिज होने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग नहीं बल्कि एलिफेंट ट्रेडिंग कर रही है।
पीसी शर्मा ने कहा कि हम बहुमत सिद्ध करेंगे, हमारे पास फॉर्मूला 5 है। 12 बजे खुलासा करेंगे कि 16 विधायकों को किस तरह से बंधक बनाया गया। यह खुलासा किया जाएगा कि पोहरी विधायक सुरेश धाकड़ की बेटी ने शिवपुरी में आत्महत्या कैसे की। यह खुलासा किया जाएगा कि कैसे कुरवाई विधायक को उनके भतीजे की मृत्यु होने पर भी जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। यह सत्ता की भूख की हद है।
PC Sharma, #MadhyaPradesh Minister: It will be revealed how Pohari MLA Suresh Dhakad's daughter has committed suicide in Shivpuri. It will be revealed how Kurwai MLA was not allowed to go even when his nephew died. This is the heights of hunger for power. https://t.co/zmn4ikvUGP
— ANI (@ANI) March 20, 2020
फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ के इस्तीफा देने की अटकलें तेज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के विधानसभा में शक्ति परीक्षण के पूर्व ही इस्तीफा देने की अटकलें तेज हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को आज शुक्रवार की शाम को बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर लिए हैं। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने विश्वास मत प्राप्त करने की कार्रवाई के लिए कोई सूचना जारी नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर करने की घोषणा कर सकते हैं। गुरुवार की देर रात कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा था कि भाजपा की हर चुनौती का मिलकर मुकाबला करेंगे। हम निराश नहीं हैं और आज भी एकजुट हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वह विधि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद ही अगला कदम उठाएंगे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में सिंधिया गुट के 22 विधायकों की बगावत के बाद विधानसभा में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई है। इनमें से 6 मंत्रियों का इस्तीफा पहले ही विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया है। शेष 16 विधायक बेंगलुरु में हैं तथा उनसे मिलने के कांग्रेस नेताओं के सारे प्रयास विफल हो गए हैं।