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असम राज्यसभा उपचुनावः बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के पूर्व सांसद विश्वजीत दैमारी होंगे भाजपा प्रत्याशी, जानें सबकुछ

By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 16, 2021 12:06 IST

Assam Rajya Sabha by-elections: असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा का बीपीएफ के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।

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ठळक मुद्देविश्वजीत दैमारी ने 2020 में बीपीएफ के सदस्य के रूप में राज्यसभा का चुनाव जीता था।भाजपा और बीपीएफ के संबंधों में आई खटास के बाद नवंबर में उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। वर्तमान में भाजपा 60 विधायकों के साथ 126 सदस्यीय असम विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है।

Assam Rajya Sabha by-elections: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के पूर्व सांसद विश्वजीत दैमारी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

विश्वजीत दैमारी इससे पहले 2008 के बाद से तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं, जो हाग्रामा मोहिलरी के नेतृत्व वाले बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) का प्रतिनिधित्व करते हैं। बीजेपी और बीपीएफ के बीच दरार के बाद 2020 में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। 

उपचुनाव 1 मार्च को होगा

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने की विश्वजीत दैमारी के नाम की घोषणा की। उपचुनाव 1 मार्च को होगा।  नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 फरवरी है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 22 फरवरी है। असम में सात राज्यसभा सीटें हैं। असम के मुख्य चुनाव अधिकारी को ईसीआई ने इस उपचुनाव के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। 

दैमारी का जीतना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि असम विधानसभा में भाजपा के पास आवश्यक संख्या बल है। दैमारी पहली बार 2008 में राज्यसभा पहुंचे थे। वर्तमान में भाजपा 60 विधायकों के साथ 126 सदस्यीय असम विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि बीपीएफ और असम गण परिषद (अगप) के क्रमशः 14 और 12 विधायक हैं।

असम सरकार में बीपीएफ के तीन कैबिनेट मंत्री हैं

भाजपा की अगुवाई वाली असम सरकार में बीपीएफ के तीन कैबिनेट मंत्री हैं। असम में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। क्षेत्रीय पार्टी बीपीएफ की स्थापना 2005 में हुई थी और इसका मुख्यालय कोकराझार में है। बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के अंतर्गत आने वाले कोकराझार सहित चार जिलों में बीपीएफ का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है।

भाजपा ने बीपीएफ और अगप के साथ मिलकर 2016 का विधानसभा चुनाव लड़ा था

पिछले साल दिसंबर में 40 सदस्यीय बीटीसी चुनाव में बीपीएफ 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन इसके बावजूद उसे विपक्ष में बैठना पड़ा। इस चुनाव में यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 12 और भाजपा ने नौ और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) तथा कांग्रेस ने एक-एक सीट हासिल की थी।

चुनावी नतीजों के बाद भाजपा ने राज्य के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्व-शासी निकाय बीटीसी में शासन करने के लिए जरूरी बहुमत हासिल करने के मकसद से बीपीएफ को छोड़ यूपीपीएल से हाथ मिला लिया था। गौरतलब है कि भाजपा ने बीपीएफ और अगप के साथ मिलकर 2016 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था।

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