हैदराबाद: एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों के धर्म-परिवर्तन से जुड़ी एक खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। असदुद्दीन ओवैसी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर रविवार (17 मई) की रात लिखा है, 'पहले तो मुस्लिमों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुख्यधारा से बाहर किया गया और अब उन्हें अपना धर्म छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।' हिंदुत्व पर निशाना भी साधते हुए उन्होंने लिखा, हिंदुत्व एक विवादास्पद विचारधारा है जो केवल हमारी पहचान के पूर्ण परिश्रम से संतुष्ट है। असदुद्दीन ओवैसी ने यह ट्वीट एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए दी है।
एक अन्य ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, "हम डर से हमारा मजहब, हमारी पहचान और इबादत का हमारा तरीका नहीं छोड़ेंगे। किसी भी तरह का जबरन "शुद्धिकरण" स्वतंत्र रूप से चुने गए मजहब को छोड़ने के लिए हमें मजबूर नहीं कर सकता है। इंशाअल्लाह।"
जानें आखिर किस ट्वीट पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने ''India Tomorrow'' की एक अंग्रेजी खबर को शेयर कर हुए ये दोनों ट्वीट किए हैं। इस खबर का शीर्षक है, ''Mob Attacks और Trade Boycott के बाद, दिल्ली और हरियाणा गांवों में मुसलमानों को हिंदू धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।''
लॉकडाउन को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की लगातार आलोचना कर रहे हैंओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने देश में कोविड-19 से निपटने के लिए चल रहे लॉकडाउन को ‘असंवैधानिक’ करार दिया था और मांग की कि राजग सरकार संकटग्रस्त प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए कदम उठाए। ओवैसी ने सोमवार (12 मई) रात एक ऑनलाइन जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह लॉकडाउन असंवैधानिक है। भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, महामारी कानून के तहत पूरे देश को लॉकडाउन में नहीं रख सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संघवाद के खिलाफ है। यह राज्य का विषय है। मुझे पता नहीं कि राज्य सरकारें क्यों चुप हैं।’’
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कुचलने से मौत की घटना का जिक्र करते हुए ओवैसी ने दावा किया कि लॉकडाउन बिना योजना के लागू किया गया और प्रवासी श्रमिक परेशानी में हैं।