अमरावतीः आंध्र प्रदेश में वाई एस जगन मोहन रेड्डी की सरकार में बुधवार को दो विधायकों को मंत्री बनाया गया। राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने विजयवाड़ा में राजभवन में हुए एक संक्षिप्त कार्यक्रम में सी श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा और सीदिरी अप्पाला राजू को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उपमुख्यमंत्री (राजस्व) पी सुभाष चंद्र बोस और मंत्री एम वेंकट रमण राव ने राज्यसभा के लिए चुने जाने पर पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद मंत्रिमंडल में दो पद रिक्त हो गए थे। कृष्णा और राजू पिछड़े सेत्ती बालीजा और मछुआरा समुदाय से आते हैं।
इन्हीं समुदायों से क्रमशः बोस और रमण का भी ताल्लुक है। दोनों 2019 में पहली बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। कृष्णा पूर्वी गोदावरी जिले की रामचंद्रपुरम सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि राजू श्रीकाकुलम जिले की पलासा सीट से विधायक हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, विधानसभा अध्यक्ष टी सीताराम, मंत्रियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ने रमेश कुमार को एसईसी के तौर पर बहाल करने के निर्देश दिए
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण चंदन ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप एन रमेश कुमार को राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) के तौर पर बहाल करे। राज्यपाल ने इस बाबत मंगलवार को मुख्य सचिव नीलम साहनी को एक पत्र लिखा है।
यह पत्र सोमवार को कुमार की ओर से सौंपे गए अभिवेदन के आधार पर लिखा था। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी कुमार ने विजयवाड़ा स्थित राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी और अनुरोध किया था कि उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप उन्हें एसईसी के तौर पर बहाल किया जाए।
उच्च न्यायालय ने 29 मई को वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार की ओर से जारी एक अध्यादेश को खारिज कर दिया था। इसमें राज्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल पांच वर्ष से घटा कर तीन साल कर दिया गया था। अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी के कनगराज को एसईसी के तौर पर नियुक्त करने के सरकार के आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिससे कुमार के पद पर बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो गया था।
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, लेकिन सरकार को वहां से कोई राहत नहीं मिली। इस बीच, कुमार ने उन्हें बहाल नहीं करने को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की थी और अदालत ने 17 जुलाई को उन्हें निर्देश दिया कि वह इस संबंध में राज्यपाल को अर्जी दें।