Goa: गोवा में जमीन कब्जे को लेकर राजनीति तेज?, कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने सीएम प्रमोद सावंत पर हल्ला बोला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 17, 2024 21:41 IST2024-12-17T21:41:08+5:302024-12-17T21:41:56+5:30
प्रशासन और पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है।

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पणजीः गोवा में इन दिनों जमीन कब्जे के मामले में एक नया विवाद सामने आया है। कांग्रेस पार्टी के गोवा प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कवथंकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों नेताओं ने राज्य में प्रशासन और पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है।
कांग्रेस नेता सुनील कवथंकर का फेसबुक पोस्ट
कांग्रेस के गोवा प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कवथंकर ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि "जमीन कब्जे के आरोपी सुलेमान खान ने क्राइम ब्रांच की कस्टडी से पुलिस की पूरी सुरक्षा में फरार होने के बाद जो आरोप लगाए हैं, वे बेहद चौंकाने और गंभीर हैं। इस तरह के आरोपों के बाद यह सवाल उठता है कि क्या गोवा में पुलिस, अपराधी और राजनीतिक गठजोड़ की कोई नई परिभाषा सामने आ रही है?
यह गठजोड़ राज्य में कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहा है। गोवा में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है और राज्य सरकार की ओर से इसके समाधान की कोई पहल नहीं की जा रही है। कांग्रेस पार्टी इस स्थिति पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस्तीफा देने की मांग करती है, क्योंकि वह राज्य के गृह मंत्री भी हैं और इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।"
विजय सरदेसाई का ट्वीट
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और विधायक विजय सरदेसाई ने ट्विटर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर निशाना साधते हुए लिखा, "मैं मुख्यमंत्री से गोवा के उद्धारक बनने की अपील करता हूँ; अपना पद छोड़ें, अपने कार्यालय से बाहर जाएं! गोवा को कितने और तबाह करोगे? जैसे-जैसे जमीन कब्जे के नए-नए खुलासे हो रहे हैं।
यह साफ है कि बीजेपी शासन में भ्रष्टाचार ने प्रशासन के हर अंग को अपनी चपेट में ले लिया है। इस भ्रष्टाचार में गोवा पुलिस और राजनीति दोनों ही शामिल हैं, और यह स्थिति हर गोवेमकार के लिए चिंता का विषय बन गई है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उनका अब राज्य में कोई विश्वास नहीं रहा।"
सुलेमान खान के पुलिस कस्टडी से फरार होने और इसके बाद के आरोपों ने प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को उजागर किया है। कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी दोनों ही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर रही हैं, और अब यह देखने वाली बात होगी कि गोवा सरकार इन आरोपों का जवाब किस तरह देती है।