1 / 10हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 2002 में की गई थी। इस दिवस का मकसद लोगों में बालश्रम को लेकर जागरूकता फैलाना था। (फोटो सोर्स- एएफपी)2 / 10संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित 152 मिलियन बच्चे बाल श्रम के शिकार हैं। इनमें से 72 मिलियन बच्चे खतरनाक काम काम करते हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)3 / 10इस वर्ष करना वायरस के कारण विश्व दिवस को वर्चुअली मनाया जा रहा है। इसे ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर और इंटरनेशनल पार्टनरशिप फॉर कोऑपरेशन इन चाइल्ड लेबर इन एग्रीकल्चर (IPCCLA) के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है। (फोटो सोर्स- एएफपी)4 / 10कम विकसित देशों में चार बच्चों में से एक से अधिक बच्चे (5 साल से 17 साल) खतरनाक कामों में लगे हुए हैं, जो उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए हानिकारक माना जाता है। (फोटो सोर्स- एएफपी)5 / 10बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक काम अफ्रीका में होते हैं, जहां बाल श्रम करने वाले बच्चों की संख्या 72 मिलियन है। (फोटो सोर्स- एएफपी)6 / 10एशिया और प्रशांत महासागर के आसपास के इलाके अफ्रीका के बाद दूसरे स्थान पर हैं। इन क्षेत्रों में पूर्ण रूप से 62 मिलियन बच्चे बाल श्रम के शिकार हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)7 / 10बाल श्रम के कारण 5 से 17 आयु वर्ग के कई बच्चे सामान्य बचपन से वंचित हैं क्योंकि वो ऐसे काम में लगे हुए हैं, जिससे वो पर्याप्त शिक्षा और उचित स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त नहीं कर पा रहे। (फोटो सोर्स- एएफपी)8 / 10संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) बाल श्रम से बुरी तरह से प्रभावित बच्चों के लिए काम करती है। (फोटो सोर्स- एएफपी)9 / 10इस साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम 'बच्चों को कोविड-19 महामारी' (Covid-19: Protect Children from Child Labour, now more than ever!) रखी गई है। (फोटो सोर्स- एएफपी)10 / 10कोरोना वायरस महामारी के कारण कई देशों में बच्चे काफी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)