बच्चों के दुख-गुस्से को नजरअंदाज न करें, सोशल मीडिया प्रतिबंध पर पारिवारिक तनाव कैसे घटाएं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 4, 2025 13:33 IST2025-11-04T13:24:30+5:302025-11-04T13:33:35+5:30

ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध एक महीने से भी कम समय में लागू हो जाएगा। देश में 10 दिसंबर से 16 साल से कम उम्र के बच्चे केवल फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, टिकटॉक, एक्स और यूट्यूब जैसे मंच पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सामग्री ही देख पाएंगे।

Dont Ignore Childrens Hurt or Anger How to Ease Family Tensions Over Social Media Restrictions | बच्चों के दुख-गुस्से को नजरअंदाज न करें, सोशल मीडिया प्रतिबंध पर पारिवारिक तनाव कैसे घटाएं

बच्चों के दुख-गुस्से को नजरअंदाज न करें, सोशल मीडिया प्रतिबंध पर पारिवारिक तनाव कैसे घटाएं

Highlightsबच्चों के दुख-गुस्से को नजरअंदाज न करेंसोशल मीडिया प्रतिबंध पर पारिवारिक तनाव कैसे घटाएं

ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध एक महीने से भी कम समय में लागू हो जाएगा। देश में 10 दिसंबर से 16 साल से कम उम्र के बच्चे केवल फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, टिकटॉक, एक्स और यूट्यूब जैसे मंच पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सामग्री ही देख पाएंगे। वे अपना खुद का ‘अकाउंट’ नहीं बना पाएंगे। आयु-प्रतिबंधित मंच पर अकाउंट खोलने वाले बच्चों या उनके माता-पिता के लिए कोई दंड नहीं है लेकिन यदि मंच प्रतिबंध को लागू करने के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं तो उन पर चार करोड़ 95 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है। हालांकि कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों और अभिभावकों ने इन परिवर्तनों का स्वागत किया है लेकिन ‘ई-सेफ्टी’ ने स्वीकार किया है कि ‘‘कई अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि 16 वर्ष से कम आयु के बच्चे सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुंच न होने पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे।’’

सोशल मीडिया पहले से ही संघर्ष का कारण है-- मेरे शोध से पता चलता है कि बच्चों द्वारा सोशल और डिजिटल मीडिया का उपयोग पहले से ही परिवारों के लिए संघर्ष का एक प्रमुख स्रोत है। अधिकतर तनाव माता-पिता द्वारा बच्चों के जीवन में डिजिटल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को न समझ पाने और अभिभावकों द्वारा लगाए गए ‘‘अनुचित’’ प्रतिबंधों पर बच्चों की प्रतिक्रिया से उपजता है। इसलिए, कुछ परिवारों को यह कहने में संभवतः राहत मिल सकती है कि ‘‘सरकार ऐसा ही कहती है, यह कानून है।’’ भविष्य में अनिश्चितता-- हम अब भी नहीं जानते कि 10 दिसंबर को क्या होने वाला है। इस प्रतिबंध के आलोचकों का कहना है कि बच्चे इससे बचने का कोई रास्ता निकाल लेंगे, जैसे कि वीपीएन का उपयोग करना (जो स्थान और पहचान को छिपा सकता है)। विशेषज्ञ आयु सत्यापन के तरीके की विश्वसनीयता और गोपनीयता संबंधी जटिलताओं को लेकर भी चिंतित हैं। इस बीच, कुछ माता-पिता अपने बच्चों को इन प्रतिबंधों से बचने में भी मदद कर सकते हैं। स्वीकार करें कि यह मुश्किल है--- अगर बच्चे सोशल मीडिया के आदी हैं और अचानक इसे उनसे दूर कर दिया जाए तो वे बहुत दुखी, परेशान या क्रोधित हो सकते हैं। माता-पिता को इस स्थिति से निपटना होगा।

हम जानते हैं कि युवा सोशल मीडिया के जरिए दूसरों के साथ महत्वपूर्ण संबंध बना सकते हैं। यह केवल बिना सोचे-समझे ‘स्क्रॉल’ करने का तरीका नहीं है, बल्कि साथियों के साथ बातचीत करने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह हाशिए पर रहने वाले युवाओं के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को सामाजिक संपर्क बनाए रखने में मदद करनी चाहिए। किशोरों को जब स्पष्ट तर्क और कारण बताए जाते हैं तो वे नियमों के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं। ऐसा नहीं सोचें कि बच्चे ‘सुरक्षित’ हैं-- प्रतिबंध का एक जोखिम यह है कि माता-पिता अब सोचेंगे कि बच्चे ऑनलाइन ‘‘सुरक्षित’’ हैं लेकिन बच्चे ऑनलाइन अन्य माध्यम ढूंढ़ लेंगे - और अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनके दोस्त ढूंढ़ लेंगे। यह प्रतिबंध केवल कुछ ही मंचों पर लागू होता है। माता-पिता को अपने बच्चों से लगातार इस बारे में बात करनी चाहिए कि वे ऑनलाइन क्या देखते और करते हैं। माता-पिता को बच्चों को महत्वपूर्ण डिजिटल साक्षरता कौशल विकसित करने के अवसर भी प्रदान करने चाहिए। जरूरी नहीं कि माता-पिता अपने बच्चों की हर ऑनलाइन गतिविधि पर नजर रखें लेकिन उन्हें अपने बच्चों की गतिविधियों में रुचि दिखानी चाहिए और किसी भी जोखिम एवं मुश्किल परिस्थितियों से निपटने में मदद के लिए उपलब्ध रहना चाहिए।

English summary :
Dont Ignore Childrens Hurt or Anger How to Ease Family Tensions Over Social Media Restrictions


Web Title: Dont Ignore Childrens Hurt or Anger How to Ease Family Tensions Over Social Media Restrictions

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