1 / 12भारतीय राजनीति की जब भी बात की जाती है तो उसमें देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का नाम जरूर शामिल होता है। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भले ही इस साल 11 जून को अपना 72वां जन्मदिन जेल में मना रहे हों, लेकिन उनकी राजनीतिक यात्रा कई कारणों से बेहद खास भी है। ऐसे में चारा घोटाले में जेल की सजा काट रहे लालू को किसी भी तरह से कम नहीं समझा जा सकता। हम आपको उनके बारे में 10 दिलचस्प बातें बताने वाले हैं।2 / 12अपने समय के सबसे कम उम्र के एमपी में लालू प्रसाद यादव का नाम शामिल होता है। साल 1977 में जब वह निचले सदन के लिए चुने गए तब वह केवल 29 वर्ष के थे। 3 / 12अपने कॉलेज के दिनों के दौरान उन्हें साल 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ (PUSU) के अध्यक्ष और साल 1970 में महासचिव के रूप में चुना गया था।4 / 12सबसे खास बात तो ये है कि अधिकांश लोगों को लगता है कि राजद अध्यक्ष अनपढ़ हैं, जबकि ऐसा नहीं है। लालू प्रसाद यादव ने पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स और एलएलबी किया हुआ है।5 / 12किताब 'द मेकिंग ऑफ लालू यादव; द अनमेकिंग ऑफ द बिहार' में लेखक संकर्षण ठाकुर ने बताया कि लालू प्रसाद यादव एक पेड़ के नीचे दरबार लगाते थे।6 / 12'पद्मश्री लालू प्रसाद यादव' नामक फिल्म में राजद अध्यक्ष गेस्ट अपीयरेंस में नजर आ चुके हैं।7 / 12लालू प्रसाद यादव की वास्तविक उम्र हमेशा एक रहस्य ही रही है क्योंकि वो खुद अपनी जन्म तिथि के बारे में निश्चित नहीं हैं। ऐसे में वो अपने शैक्षिक दस्तावेजों में जानकारी का पालन करते हैं।8 / 12बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के लिए 23 सितंबर, 1990 को अयोध्या में रथयात्रा के दौरान लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करवाया और मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत किया।9 / 12लालू प्रसाद यादव की पत्नी का नाम राबड़ी देवी है, जबकि राबड़ी देवी की बहनों का नाम जलेबी, रसगुल्ला और पान है।10 / 12लालू प्रसाद यादव राजनीति में आने से पहले बिहार के वेटेरिनेरी कॉलेज में एक मामूली से क्लर्क की नौकरी करते थे।11 / 12मेंटिनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (MISA) के तहत लालू यादव को इमरजेंसी के दौरान जेल जाना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने अपनी बड़ी बेटी का नाम इसी कानून पर मीसा रख दिया।12 / 12900 करोड़ रुपए के चारा घोटाले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया था। बाद में, अदालत ने राजद अध्यक्ष को दोषी पाया और उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया।